रुद्रपुर। किच्छा स्थित प्राग फार्म की 400 एकड़ धान की फसल की कटाई रोकने से आक्रोशित किसानों का गुस्सा मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में फूट पड़ा। भारी संख्या में पहुंचे किसानों ने एडीएम कौस्तुभ मिश्रा से मिलकर फौरन कटाई की अनुमति जारी करने की मांग उठाई। इस दौरान उन्होंने ज्ञापन सौंपकर बताया कि वे प्राग फार्म की लगभग 1900 एकड़ भूमि के एक हिस्से पर दशकों से सहकारिता प्रणाली के तहत खेती कर रहे हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जून माह में लगभग 700 एकड़ में धान की बुआई की गई थी। किसानों ने बताया कि 300 एकड़ की फसल वे काट चुके हैं, जो वर्तमान में खेतों में ही खुले में पड़ी है। लेकिन शेष 400 एकड़ की कटाई पर अचानक प्रशासनिक रोक लगा दी गई। किसानों का कहना है कि न तो बुवाई के समय और न ही फसल तैयार होने तक प्रशासन ने कोई चेतावनी जारी की, बल्कि आश्वासन दिया गया था कि कटाई के बाद ही भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इस बीच 16 अगस्त 2025 को प्राग फार्म की जमीन पर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। किसानों ने कहा कि कटाई रोकने से धान की फसल धीरे-धीरे खराब हो रही है, जिससे तीन दर्जन से अधिक किसान परिवार आर्थिक संकट में घिर गए हैं। तराई किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह विर्क ने बताया कि किसान लाखों रुपये का कर्ज लेकर खेती करते हैं और कटाई रुकने से उनकी हालत बदतर हो रही है। मानसिक तनाव की वजह से दो किसानों की मृत्यु तक हो चुकी है, जबकि कई किसान गंभीर दबाव में हैं। किसानों ने एडीएम से मानवीय आधार पर 400 एकड़ में खड़ी फसल की कटाई की अनुमति देने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे प्राग फार्म की जमीन पर स्वामित्व का कोई दावा नहीं करते, बल्कि केवल अपनी मेहनत से उगाई गई फसल काटकर बेचने की इजाजत चाहते हैं जिससे उनके परिवारों का गुजर-बसर हो सके। ज्ञापन देने वालों में तराई किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह बिर्क, प्रदेश अध्यक्ष बलविंदर सिंह, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सलविंदर सिंह कलसी, कुमाऊं मंडल उपाध्यक्ष जगरूप सिंह, प्रदेश सचिव अमन बठला, साहब सिंह, बलबीर सिंह, बच्चू सिंह, इब्ने अली, अकबर अली, राजू यादव, संजय कुमार, योगेश कुमार बिष्ट, रमेश सिंह, शेर सिंह, मंगल सिंह, आनंद सिंह बिष्ट, करमजीत सिंह, हरमीत सिंह राय, जितेंद्र सिंह राय सहित कई किसान शामिल रहे।
किच्छा प्राग फार्म की 400 एकड़ धान की फसल काटने की मांगी अनुमति
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