अल्मोड़ा। अल्मोड़ा में वन सरपंच कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के खिलाफ जमकर गरजे। गुरुवार को नगर के गाँधी पार्क चौघानपाटा में राज्य के 11 जनपदों के सरपंच एकत्रित हुए जहाँ सभा की गई और 06 सूत्रीय मांगों समेत कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के विरोध में जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। इसके बाद सरपंचों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा और ज्ञापन की प्रति केंद्रीय मंत्री पंचायती राज, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार तथा प्रधान सचिव वन विभाग, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग आदि को भी भेजी। इससे पूर्व सरपंचों ने जुलूस निकालकर जमकर नारेबाजी की। सरपंचों ने कहा कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने सरपंच के पद को प्रधान में विलय करने का बयान दिया है, जिससे उनमें आक्रोश है। सरपंचों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 15 दिनों के भीतर कैबिनेट मंत्री ने बयान वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। सरपंचों ने 06 सूत्रीय मांगें भी रखी हैं जिनमें वन पंचायतों को ग्राम पंचायतों के अधीन करने का प्रस्ताव निरस्त करने, वन पंचायत नियमावली में संशोधन एवं पुनर्निर्माण, वन पंचायत सलाहकार परिषद का गठन करने, मानदेय एवं संसाधनों का प्रावधान, ठेकेदार एवं एनजीओ के हस्तक्षेप से मुक्ति शामिल हैं। सरपंचों ने कहा कि वन पंचायतों को समाप्त करने के प्रयास का सरपंच घोर विरोध करते हैं। सरपंचों ने चौघानपाटा से शिखर तिराहे तक जुलूस भी निकाला। सरपंचों ने कहा जंगलों को बचाने में वन पंचायतों की अहम भूमिका है, लेकिन वन पंचायतों को ग्राम प्रधानों के अधीन कर सरपंच का पद समाप्त किया जा रहा है। यहाँ धरने प्रदर्शन और सरपंचों की मांगों को समर्थन देने के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल भी आंदोलन स्थल पर पहुंचे। यहाँ प्रदर्शन करने वालों में कार्यकारी अध्यक्ष घनानन्द शर्मा, निशा जोशी, बृजेश चंद्र जोशी, प्रेम सिंह, विनोद सिंह, पूरन चंद्र चिल्मोड़ी, प्रेम चंद्र, भगवती प्रसाद सती, सुरेंद्र सिंह रावत, कैलाश चंद्र खंडूड़ी, प्रेम कुमार, देवेंद्र राम, बलवंत सिंह नेगी, सुनील प्रसाद तिवाड़ी, केवल सिंह नेगी, प्रताप सिंह बिष्ट, नारायण सिंह, प्रमोद पाठक, मोती सिंह बिष्ट, चंद्र शेखर, गोपाल सिंह बिष्ट, कुंवर सिंह, गंगा सिंह बिष्ट, कैलाश, बालम सिंह, राजेंद्र सिंह, त्रिलोक सिंह कार्की, नंदन सिंह बिष्ट, हेम चंद्र सती, दीप चंद्र बेलवाल, मनोज कुमार सती आदि सरपंच मौजूद रहे।
अल्मोड़ा में गरजे 11 जनपदों के सरपंच, कहा- नहीं होने देंगे वन पंचायतों का विलय
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