चमोली। उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र अंथवाल ने शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जनपदीय निराश्रित गोवंश समिति की बैठक ली। बैठक में जनपद में संचालित, निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित गौशालाओं की प्रगति, गौवंश की ईयर टेगिंग, सड़कों पर विचरण करने वाले गौवंश के गले में रेडियम बेल्ट लगाए जाने तथा गौवंश के प्रति अपराध रोकने हेतु पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही के संबंध में चर्चा की गई।
गो सेवा आयोग के अध्यक्ष ने सभी नगर निकायों तथा जिला पंचायत को गोशालाओं के निर्माण पर तेजी लाने, सड़क पर विचरण करने वाले गौवंश के गले पर रेडियम बैल्ट लगाने तथा पशु क्रूरता की शिकायतों पर पुलिस को तुरन्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। कहा कि सरकार कानून बनाने जा रही है जिसमें पशुओं को छोडने वालों पर अर्थदण्ड के साथ सजा का प्रावधान किया जाएगा। कहा कि अभी केवल 2 हजार का जुर्माना लगाया जाता है। गौशाला निर्माण में जिला पंचायत स्तर पर कम काम को लेकर जिला पंचायत अधिकारी को हर ब्लॉक में आने वाले 25 वर्षो के हिसाब से गौशाला निर्माण करने को कहा। जो निर्माणाधीन गौशालाएं हैं उनका लोकार्पण किया जाएगा। जहां संस्थाएं चयनित नहीं की गयी हैं वहां संस्थाए चयनित की जाएं। जिससे गौशालाएं उनके सुर्पुद की जा सके और गोवंश को सुचारू रूप से सुविधा मिल सके।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने गो ग्राम सेवक योजना बनायी गयी है जिसमें पांच नन्दी पालने पर पशुपालक को प्रतिमाह 12 हजार रूपये मिलेंगे। इसके लिए पशुपालक को पशुपालन विभाग में पंजीकरण कराना होगा।
मुख्य विकास अधिकारी नन्दन कुमार ने सभी एसडीएम को ईओ के माध्यम से निराश्रित गोवंश को रेडियम बेल्ट लगाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी पुनीत भट्ट ने बताया कि पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जनपद में 3 गौ सदन बनाए गए हैं जिनको वित्तीय वर्ष 2024-25 में शासन द्वारा 23.13 लाख अनुदान दिया गया है। उन्होंने बताया कि ज्योर्तिमठ, गोपेश्वर, गौचर में गौशालाओं का निर्माण हो चुका है पीपलकोटी, पोखरी में कार्य प्रगति पर है और कर्णप्रयाग में टेंडर की प्रक्रिया गतिमान व थराली का प्रस्ताव शहरी विकास को भेजा जा चुका है। इस दौरान परियोजना निदेशक आनंद सिंह, सीवीओ असीम देव सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।