अल्मोड़ा। जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का विस्तृत जायजा लिया। सोमवार को निरीक्षण के दौरान उन्होंने ओपीडी, औषधि वितरण कक्ष और जन औषधि केंद्र में दवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ स्टॉक रजिस्टर की जांच की। निरीक्षण के समय दोपहर 12 बजे तक 550 से अधिक ओपीडी पंजीकरण दर्ज पाए गए, जिससे अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ देखी गई। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्स-रे और पैथोलॉजी लैब की कार्यप्रणाली का भी अवलोकन किया। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों की स्थिति, शौचालय व्यवस्था और अस्पताल परिसर की साफ-सफाई की समीक्षा की गई। उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को शौचालयों की नियमित सफाई सुनिश्चित करने और परिसर में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान यह तथ्य सामने आया कि जिला चिकित्सालय में संचालित जन औषधि केंद्र का लाइसेंस पिछले लगभग आठ वर्षों से नवीनीकृत नहीं किया गया था। जांच के दौरान जन औषधि केंद्र में दवाओं के स्टॉक और बिक्री से संबंधित अभिलेख भी संतोषजनक रूप से प्रस्तुत नहीं किए जा सके। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अग्रिम आदेशों तक जन औषधि केंद्र का संचालन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की निगरानी में किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही दवाओं की अद्यतन सूची तत्काल उपलब्ध कराने और स्टॉक रजिस्टर का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए। जिलाधिकारी ने अस्पताल की सफाई व्यवस्था और अन्य व्यवस्थाओं का भी बारीकी से निरीक्षण किया। मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जांच रिपोर्ट और चिकित्सीय सूचनाएं समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने उपचार के लिए आए मरीजों से संवाद कर उनकी समस्याएं और सुझाव भी सुने। इस अवसर पर पीएमएस एचसी गड़कोटी को निर्देशित किया गया कि जिला चिकित्सालय की सभी सेवाएं निर्धारित मानकों के अनुरूप, सुचारु और पारदर्शी रूप से संचालित हों, ताकि आमजन को समयबद्ध और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने किया जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण, जन औषधि केंद्र में मिली अनियमितताएं
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