देहरादून। सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर शहर का माहौल बिगाडऩे वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया के साथ ही सार्वजनिक तौर पर नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। इन्हें चिन्हित किया जाना चाहिए। डीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपने से पहले एक सभा में पूर्व न्यायाधीश कांत प्रसाद ने कहा कि नफरत फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, नहीं तो पूरे समाज के लिए यह खतरनाक होता जा रहा है। बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष रजिया बेग ने कहा कि ऐसे मामलों में जाति-धर्म देकर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। न्याय कृति मंच के अध्यक्ष नानकचंद ने कहा कि जो लोग धर्म के नाम पर कानून को हाथ में लेने का काम करते हैं प्रशासन को उनसे कड़ाई से निपटना चाहिए। राज्य आंदोलनकारी लताफत हुसैन ने कहा कि उत्तराखंड हमेशा भाईचारे और शांति का प्रतीक रहा है उत्तराखंड के लिए सभी धर्म और जाति के लोगों ने संघर्ष किया है लेकिन आज कुछ लोग अलगाव की बात कर उत्तराखंड का अमन चैन खत्म करना चाहते हैं। शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी उत्तराखंड और उसके शहर विभिन्न धर्म संप्रदाय का एक गुलदस्ता है, लेकिन कुछ समय से इसके बिगाडऩे का काम किया जा रहा है। पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा ने कहा कि इस तरह के हालात में राज्य के विकास को अवरुद्ध करने का काम किया जा रहा है। इससे उत्तराखंड की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है। इस मौके पर पूर्व दर्जाधारी याकूब सिद्दीकी, इंदु नौटियाल, सुरेंद्र सजवाण, शंभू मंमगाई, नवनीत गुसाईं, प्रभात डंडरियाल, अनंत प्रकाश, यामीन अंसारी, रईस फातिमा, सुलेमान अली, मदन लाल, त्रिलोचन भट्ट, इलियास अंसारी, अलमासुद्दीन सिद्दीकी ने भी विचार रखे। ज्ञापन सौंपने वालों में राव नसीम अहमद, श्याम लाल नाथ, अनिल नेगी, सोनू खान, तौफीक खान, सईद जमाल, तौसीर खान, तनवीर खान, असलम सिद्दीकी, रईस राजा, शाद सिद्दीकी, नईम कुरैशी, खुर्शीद अहमद, जाहिद सैफी, सैयद उवैश, रियाजुल हक, डॉ. एमएम अंसारी, इस्तेखार अहमद, सुलेमान अली समेत अन्य मौजूद रहे।