हल्द्वानी। 38वें राष्ट्रीय खेल में एक्वाटिक्स के वाटरपोलो इवेंट में सर्विसेज और केरल ने स्वर्ण पदक जीतने में सफलता हासिल की है। वहीं महाराष्ट्र की टीम को दोनों वर्गों में रजत से संतोष करना पड़ा। महिला वर्ग में पश्चिम बंगाल और पुरुष वर्ग में केरल को कांस्य पदक मिला।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर गौलापार के मानसखंड तरणताल में मंगलवार की दोपहर वाटरपोलो के फाइनल मुकाबले खेले गए। महिला वर्ग के फाइनल में केरल ने महाराष्ट्र पर 11-7 के अंतर से जीत दर्ज कर लगातार दूसरे राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले कांस्य पदक के मुकाबले में पश्चिम बंगाल ने कर्नाटक को 11-3 से एकतरफा शिकस्त दी। बंगाल के लिए जैसमीन ने 4, पियाली व कलौत्री ने 3-3 गोल किए।
वहीं पुरुष वर्ग का फाइनल सर्विसेज और महाराष्ट्र के बीच खेला गया। पहले सेट में महाराष्ट्र 2-0 और दूसरे में 6-5 से आगे रहा। तीसरे सेट में 9-8 के अंतर से बढ़त बनाए रखी। चौथा सेट काफी रोमांचक रहा। महाराष्ट्र को सर्विसेज के खिलाफ पेनाल्टी मिली, लेकिन महाराट्र का खिलाड़ी इसका फायदा नहीं उठा सका। कुछ समय बाद ही सर्विसेज ने गोल कर मैच में 9-9 से बराबरी कर ली। मैच खत्म होने पहले सर्विसेज को पेनाल्टी मिली, जिस पर गोल कर 10-9 से बढ़त बना ली। इसके बाद महाराष्ट्र के पास तीन मौके आए, लेकिन टीम गोल नहीं सकी। सर्विसेज ने 1 गोल के अंतर से जीत दर्ज की।
बैंक अकाउंटेंट कृपा ने दागे दनादन गोल
वाटरपोलो में केरल की ओर से सबसे अधिक गोल कर कृपा ने टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई। कृपा एक प्राइवेट बैंक में अकाउंटेट हैं। बताया कि यह राष्ट्रीय खेल में उनका दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले गोवा नेशनल गेम्स में भी स्वर्ण जीता था। उनके पिता लॉरी चालक हैं। जीत की खुशी है। गोलपोस्ट के आगे डटी रहीं रोशनी कांस्य पदक जीतने वाली पश्चिम बंगाल की महिला टीम की गोलकीपर रोशनी परवीन ने 10 से अधिक गोल रोकने में कामयाबी हासिल की। बताया कि वह जब कक्षा 4 में थी तब से स्वीमिंग कर रही हैं। 2017 में उन्होंने वाटर पोलो खेलना शुरू किया और आज पदक भी जीता है। वह अभी ग्रेजुएशन कर रही हैं और नौकरी की तलाश है।
वाटरपोलो: सर्विसेज और केरल ने जीता स्वर्ण
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