नई टिहरी। वनाग्नि सुरक्षा को लेकर शुरू हो रहे जागरूकता अभियान की जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शुरुआत की। कहा कि वनों को आग से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, आग बुझाने वाले ग्रामीणों का निरंतर प्रोत्साहन किया जाना चाहिए। उन्होंने द हंस फाउंडेशन की ओर से स्वयंसेवकों को सामग्री भी वितरित की। बुधवार को बहुउद्देशीय में द हंस फाउंडेशन और टिहरी वन प्रभाग की ओर से वनाग्नि शमन, रोकथाम परियोजना के तहत व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण वितरण में डीएम मयूर दीक्षित ने मॉडल गांव द्वारा घर-घर जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई। उन्होंने अच्छा कार्य करने वाली वन पंचायतों को पुरस्कृत किया। उन्होंने प्रशिक्षित स्वयं सेविकाओं को अग्नि सुरक्षा हेतु द हंस फाउंडेशन, जिला प्रशासन की ओर से कंबल, हेलमेट, शूज, कपड़े, लाइट आदि अन्य उपकरण वितरित किए। डीएम ने कहा कि वनाग्नि का एक मुख्य कारण खेतों की सफाई से उत्पन्न मलबा, ढेर (ऑड़ा) जलाना, वन क्षेत्र के निकट असुरक्षित ढंग से कूड़े को जलाए जाने, विभिन्न मार्गों पर धूम्रपान सामग्री अन्य ज्वलनशील सामग्री का अनुचित निस्तारण, लापरवाहीपूर्वक फेंका जाना है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आग से स्वयं अपने परिवार को सुरक्षित करें, फिर वन विभाग की कार्य प्रणाली के अनुसार आगे बढ़े। डीएफओ पुनीत तोमर ने वनाग्नि सीजन के दौरान या बाद में जंगलों में आग न फैले इसके स्वंय सेविकाएं प्रशिक्षित की गई हैं। जिन्हें फॉरेस्ट फायर एप, व्हाटसऐप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जाखणीधार, प्रतापनगर के 11 गांवों को मॉडल गांवों के रूप में चिन्ह्ति किया गया है। इस मौके पर द हंस फाउंडेशन से प्रोजेक्ट मैनेजर नागेंद्र तंगवाल, सीडीएस दिव्या बिजल्वाण,ब्लॉक कोऑर्डिनेटर जाखणीधार अरुणिमा, प्रतापनगर मुकेश कुमार, एसडीओ रश्मि ध्यानी, रेंजर आशीष डिमरी आदि मौजूद थे।
आग बुझाने में सहयोग करने वालों को प्रोत्साहित करें: मयूर
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