देहरादून। पटना बिहार में दो दिवसीय यात्रा एवं पर्यटन मेले का शुभारंभ करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बोध गया को बुद्धिस्ट सर्किट से जोड़ा जाएगा। महाराज ने कहा कि देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का अहम योगदान है। महाराज ने कहा कि बोधगया जहां भगवान बुद्ध को दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ था, उसे बुद्धिस्ट सर्किट से और पटना साहिब गुरुद्वारा को पोंटा साहिब से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। पर्यटन के माध्यम से ही हमें नई जगह की संस्कृति और वहां के इतिहास का पता चलता है। कहा कि बिहार स्थित गंगा की सहायक नदी पुनपुन और गया को जहां पिंड दान करने का महत्व है, उसे बदरीनाथ धाम में स्थित ब्रह्मकपाल से जोड़ा जाएगा। भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक झारखंड, देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम को भी उत्तराखंड स्थित केदारनाथ से जोड़ा जाएगा। ताकि श्रद्धालुओं को इनके पौराणिक और धार्मिक महत्व की जानकारी मिल सके। कहा कि राज्य सरकार सुव्यवस्थित मास्टर प्लान से श्री केदारनाथ धाम और श्री बदरीनाथ धाम के साथ ही जागेश्वर धाम, महासू, टिम्मरसैण का विकास किया जा रहा है। इस वर्ष अभी तक लगभग 42 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ चुके हैं। सरकार राज्य में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने को सीमांत गांवों, दूरस्थ गतंव्यों में केंद्र की वाईब्रेंट विलेज योजना के तहत पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। ऐसा कर स्थानीय निवासियों के पलायन की समस्या को रोकने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे।
शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की नई पहल
महाराज ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की नई पहल की जा रही है। यात्रियों, श्रद्धालुओं को हेली के माध्यम से भगवान शिव के निवास स्थान आदि कैलाश और ऊँ पर्वत के दर्शन कराये जा रहे हैं। राज्य में खगोलीय पर्यटन (एस्ट्रो टूरिज्म) को बढ़ावा देने का काम हो रहा है। आठ से 10 नवम्बर तक बेनीताल चमोली में तृतीय नक्षत्र सभा का आयोजन हो रहा है।
उत्तराखंड बना नया वेडिंग डेस्टिनेशन
महाराज ने कहा कि उत्तराखंड वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए एक मॉडल डेस्टिनेशन बन कर उभरा है। राज्य में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने को स्थानीय स्तर के त्योहारों, मेलों और उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में आयोजित होने वाले बटर फैस्टिवल, पिथौरागढ़ में हिलजात्रा, देहरादून में महासू (हनोल) में आयोजित होने वाले जागड़ा पर्व का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाता है।