देहरादून। गढ़भोज दिवस को राजकीय मान्यता दिए जाने की मांग उठी है। इस संबंध में गढ़भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल एवं संयोजक डॉ. अरविंद दरमोडा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उनसे गढ़भोज दिवस को व्यापक पहचान दिलाने की मांग की है। मुख्यमंत्री की ओर से इस संबंध में सकारात्मक निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया गया है। प्रतिनिधमंडल ने गढ़ भोज दिवस पर वीडियो संदेश जारी करने के लिए उनका धन्यवाद किया और गढ़ भोज दिवस की प्रगति पर चर्चा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री से कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर सात अक्तूबर को प्रतिवर्ष गढ़भोज दिवस को राजकीय दिवस घोषित करते हुए मनाने का अनुरोध किया। साथ ही सरकार की ओर से छापे जाने वाले वार्षिक कैलेंडर में उत्तराखंड के परंपरागत भोजन शृंखला की जानकारी प्रसारित करने की मांग की। द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि इसको विस्तार देने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गढ़भोज दिवस उतराखंड की भोजन संस्कृति को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का सफल मंच है। इसके बाद प्रतिनिधमंडल ने कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात कर स्कूलों, कॉलेजों में आवश्यक रूप से गढ़ भोज दिवस मनवाने के लिए किए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।