Thursday, September 11, 2025
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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से महाराज की शिष्टाचार भेंट


  • देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से शिष्टाचार भेंट कर मौसम विभाग एवं पृथ्वी विज्ञान से जुड़े वैज्ञानिकों को पर्वतीय क्षेत्रों में संवेदनशील और ऊँचाई वाले स्थानों पर प्राकृतिक रूप से बने ग्लेशियरों और बड़े तालाबों का अध्ययन करवाने का अनुरोध किया है ताकि आने वाले समय में इनसे होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
    प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से इंदिरा पर्यावरण भवन, नई दिल्ली स्थित मंत्रालय भवन में शिष्टाचार भेंट कर बातचीत के दौरान उनसे कहा कि हमारे देश के विभिन्न पहाडी व संवेदनशील क्षेत्रों में प्रायः प्रकृतिक आपदायें जैसे भूस्खलन, बादल फटना व बाढ़ जैसी कठिनाईयां आती रहती हैं। इन भीषण घटनाओं से आम जनमानस को भारी नुकसान पहुँचता है तथा बेकसूर प्राणियों का जीवन संकट में पड़ जाता है। हाल ही में उत्तराखण्ड के जनपद उत्तरकाशी, पौड़ी और चमोली एवं हिमांचल प्रदेश के अनेक स्थानों पर अचानक बादल फटने की घटना से लोगों का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और लोगों को प्राण रक्षा करने तक का अवसर नहीं मिल पाया। इसलिए यदि समय रहते हमें इन आपदाओं की सटीक व त्वरित जानकारी उपलब्ध होती तो इस नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि हालांकि हमारे देश के पास उन्नत उपग्रह तकनीक और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली उपलब्ध है जिनकी मदद से अत्यधिक वर्षा या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के आने की पूर्व सूचना दी जा सकती है किन्तु इस तकनीक को और सुदृढ और सटीक बनाने की अत्यन्त आवश्यकता है। मौसम विभाग एवं पृथ्वी विज्ञान से जुड़े वैज्ञानिकों को पर्वतीय क्षेत्रों में संवेदनशील और ऊँचाई वाले स्थानों पर प्राकृतिक रूप से बने ग्लेशियरों और बड़े तालाबों का अध्ययन करने की सशक्त आवश्यकता है ताकि आने वाले समय में इनसे होने वाले नुकसान से बचा जा सके। महाराज ने कहा कि उपग्रह आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम को सृदृढ किये जाने, बादल फटने व अन्य आपदाओं की सटीक जानकारी तुरंत सम्बन्धित राज्यों और स्थानीय प्रशासन तक पहुँचाये जाने तथा मोबाइल नेटवर्क, रेडियो, टी०वी० तथा अन्य संचार माध्यमों से आम जनता तक चेतावनी संदेश पहुँचाये जाने की तकनीकी पर भी त्वरित कार्य करवाये जाने की नितान्त आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस घोर संकट से निपटा जा सके। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री यादव से अनुरोध करते हुए कहा कि मानवीय मूल्यों से जुड़े इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देते हुए सम्बन्धित विभाग को यथाशीघ्र त्वरित एवं सकारात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश दिए जायें।
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