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देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड एक ऐसा स्थान है जहां के विभिन्न पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों पर वर्षभर सबसे अधिक यात्री आते हैं। टूर ऑपरेटर और ट्रैवल एजेंसियों के कार्यालय राजधानी दिल्ली में खुले हैं और वहीं वह जीएसटी भी काटते हैं। जब यात्रा उत्तराखंड की है तो जीएसटी भी उत्तराखंड में कटनी चाहिए। इसलिए टूर ऑपरेटर और ट्रैवल एजेंसियों को उत्तराखंड की यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए अपने कार्यालय उत्तराखंड में भी खोलने चाहिए ताकि उत्तराखंड को जीएसटी का लाभ मिल सके।
उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड टूरिज्म रिप्रेजेंटेटिवस (उत्तरा) एसोसिएशन एवं उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को एक स्थानीय होटल में आयोजित उत्तरा सम्मेलन में प्रतिभाग करने आये टूर ऑपरेटर, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों, उद्यमियों और संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही। सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने आयोजनकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड, जिसे हम देवभूमि कहते हैं, केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह रोमांच, साहसिक पर्यटन, वेलनेस मेडिकल पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से भी अपार संभावनाएँ समेटे हुए है। इसलिए आज जब हम इस आयोजन के अवसर पर पर्यटन के भविष्य की चर्चा कर रहे हैं, तो हमें यह भी स्मरण रखना चाहिए कि पर्यटन केवल अर्थव्यवस्था का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, हमारी परंपराओं और हमारी धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का भी एक सशक्त माध्यम है।
पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड एक ऐसा स्थान है जहां के विभिन्न पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों पर वर्षभर सबसे अधिक यात्री आते हैं। टूर ऑपरेटर और ट्रैवल एजेंसियों के कार्यालय राजधानी दिल्ली में खुले हैं और वहीं वह जीएसटी भी काटते हैं। जब यात्रा उत्तराखंड की है तो जीएसटी भी उत्तराखंड में कटनी चाहिए। इसलिए टूर ऑपरेटर और ट्रैवल एजेंसियों को उत्तराखंड की यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए अपने कार्यालय उत्तराखंड में भी खोलने चाहिए ताकि उत्तराखंड को जीएसटी का लाभ मिल सके और हमारी सरकार टूर ऑपरेटर्स की जो भी समस्याएं हैं उनका समाधान कर उन्हें लाभ दे सके। उन्होंने कहा यह आयोजन हमें यह भी याद दिलाता है कि किसी भी पर्यटन गंतव्य की सफलता में टूर ऑपरेटरों की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि सभी टूर ऑपरेटर हमारे राज्य के पर्यटन ब्रांड एम्बेसडर हैं, जो हर पर्यटक को उत्तराखण्ड की असली छवि दिखाने के साथ-साथ उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने का काम करते हैं। महाराज ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप कार्य करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पर्यटन क्षेत्र के सतत विकास और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। पर्यटन विभाग की योजनाएँ, प्रोत्साहन पैकेज और नई नीतियाँ इस दिशा में ठोस कदम हैं। हमारे प्रयास हैं कि हम राज्य को साहसिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, मेडिकल पर्यटन, वेलनेस पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन का वैश्विक केन्द्र बना सकें। सतत विकास और संकट की तैयारी आज की प्रमुख आवश्यकताएँ हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्यटन विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों की भागीदारी को भी समान महत्व मिले।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस प्रकार के आयोजन संवाद और सहयोग राज्य को एक नई दिशा देंगे। इससे न केवल पर्यटन क्षेत्र की चुनौतियों के समाधान निकलेंगे बल्कि नई संभावनाओं के द्वार भी खुलेंगे और उत्तराखण्ड को पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी।
पर्यटन विभाग के एसीईओ बी.एल. राणा, अपर निदेशक पूनम चंद, आईएटीओ के अध्यक्ष पूर्व राजीव मेहरा, एडीटीओआई के अध्यक्ष वेद खन्ना, वैभव काला, प्रशांत मैठाणी, सुनील सिंह राणा सहित अनेक लोग मौजूद थे।