अल्मोड़ा। नगर के नरसिंहबाड़ी क्षेत्र में स्थित लगभग 150 वर्ष पुराना ऐतिहासिक कुआं इन दिनों अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। चौबीस फीट गहरा यह कुआं पर्वतीय क्षेत्र का एकमात्र संरक्षित जल स्रोत माना जाता था, लेकिन उपेक्षा और देखरेख के अभाव में अब यह विलुप्ति के कगार पर पहुंच गया है। रविवार को पार्षद अमित साह मोनू के नेतृत्व में पार्षदों, रेडक्रॉस सोसायटी और स्थानीय लोगों ने कुएं का निरीक्षण किया। अमित साह पिछले दो माह से प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण, संवर्धन और सफाई के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। निरीक्षण के दौरान रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष आशीष वर्मा ने बताया कि वर्ष 2003 से वे इस कुएं के संरक्षण के लिए सरकारी विभागों से लगातार पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। उन्होंने कहा कि पूर्व में भूगर्भीय टीम के सर्वे में भी कुएं में जल उपलब्धता की पुष्टि हुई थी, बावजूद इसके देखभाल न होने से यह धरोहर जर्जर हालत में है। पार्षद अमित साह ने प्रशासन से आग्रह किया कि इस कुएं को पुनर्जीवित कर संरक्षित किया जाए, क्योंकि यह न केवल 150 साल पुराना है बल्कि पर्वतीय क्षेत्र का एकमात्र कुआं भी है। उन्होंने मौके से ही नगर निगम मेयर अजय वर्मा से दूरभाष पर वार्ता की, जिसके बाद मेयर ने आश्वासन दिया कि जल्द ही नगर निगम की टीम स्थल का निरीक्षण करेगी। अमित साह ने कहा कि वर्तमान समय में प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इसका लाभ उठा सकें। पार्षद अर्जुन बिष्ट ने कहा कि प्रशासन को ऐसी ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के लिए ठोस पहल करनी चाहिए। उन्होंने आमजन से भी अपील की कि प्राकृतिक स्रोतों की सफाई और संरक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाएं। इस अवसर पर अल्मोड़ा रेडक्रॉस चेयरमैन आशीष वर्मा, पार्षद अमित साह मोनू, पार्षद अर्जुन बिष्ट, कृष्णा सिंह, दीपक वर्मा, उत्सव मल्ल, अनूप साह, रोहित वर्मा सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे।
150 साल पुराना ऐतिहासिक कुआँ संकट में, संरक्षण की लगाई गुहार
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