देहरादून। किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बीस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट के जज पंकज तोमर ने दोषी पर 60 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। इनमें 50 हजार रुपये पीडि़ता को प्रतिकर के रूप में दिए जाएंगे। आरोपी पहले से विवाहित था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि मुकदमा 16 जून 2022 को डोईवाला थाने में दर्ज हुआ था। 16 वर्ष की एक किशोरी 11 जून 2022 की रात अपने घर से अचानक गायब हो गई थी। परिजनों ने बिहार निवासी संजय बनवासी के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया। कुछ दिन बाद पुलिस ने सीतापुर से किशोरी को बरामद कर आरोपी संजय बनवासी को गिरफ्तार कर लिया। उसके चंगुल से छूटने के बाद किशोरी ने पुलिस को बताया कि संजय उनके पास में ही गाड़ी चलाने का काम करता था। वह उनकी गली से आता जाता रहता था। दोनों की जान पहचान हो गई। पीडि़ता के मोबाइल फोन नहीं था। संजय ने बात करने के लिए पीडि़ता को फोन दिलाया। संजय ने 11 जून की रात 2022 की रात पीडि़ता को फोन कर अपने साथ बिहार चलने को कहा। किशोरी ने मना कर दिया। आरोपी ने कसम देकर पीडि़ता को जंगलात चौकी के पास बुला लिया। वहां पहले से खड़ी बस में किशोरी को बैठाया और सीतापुर अपनी भाभी के घर ले गया। वहां कई दिनों तक दुष्कर्म किया। जब किशोरी ने शादी की बात कही तो उसने कहा कि वह शादीशुदा है। झांसा दिया कि पत्नी से तलाक लेने के बाद उससे शादी कर लेगा। तब किशोरी को उसके शादीशुदा होने का भी पता चला। वहां एक सप्ताह रहने के बाद संजय उसे बिहार ले जाने लगा। इसी बीच पुलिस ने उसे पकड़ लिया और देहरादून ले आई। यहां उसका मेडिकल हुआ। अभियोजन की ओर से मामले में कुल सात गवाह पेश किए गए। इनके आधार पर कोर्ट ने संजय बनवासी को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। न्यायालय से वारंट बनाकर आरोपी को सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया गया।