विकासनगर। खनन सामाग्री का चुगान करने गए 11 मजदूर अचानक यमुना का जलस्तर बढ़ने से टापू में फंस गए। जिससे उनमें चीख-पुकार मच गई। सूचना पर तत्काल डाकपत्थर चौकी पुलिस और एसडीएआरएफ टीम मौके पर पहुंची और मजदूरों को रेस्क्यू किया। इसमे सात पुरुष और चार महिलाएं शामिल थे। डाकपत्थर चौकी इंचार्ज विवेक भंडारी ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे स्थानीय लोगों ने सूचना दी कि अशोक आश्रम डुमेट के सामने यमुना में एक टापू पर कुछ पुरुष और महिलाएं फंसे हुए हैं। सूचना पर चौकी पुलिस आपदा उपकरणों और एसडीआएफ, जलपुलिस के साथ मौके पर पहुंची। उस समय पर यमुना का जलस्तर काफी उफान पर था। टापू पर कुछ महिलाएं और पुरुष मदद की गुहार लगा रहे थे। जिसके बाद पुलिस, एसडीआरएफ और जलपुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाते हुए टापू में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। बताया कि टापू में कुछ ग्यारह लोग फंसे थे। जिनमें सात पुरुष और चार महिलाएं शामिल थी। चौकी इंचार्ज ने बताया कि रेस्क्यू किए गए लोगों ने बताया कि वह मजदूर हैं और सुबह सभी रेत, बजरी चुगने नदी में गए थे, लेकिन इसी दौरान अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। जिस कारण वह टापू में एकत्रित हो गए। टापू के चारों तरफ पानी होने के कारण वह बाहर नहीं निकल पाए। जिन मजदूरों को रेस्क्यू किया गया है, उसमें कालीचरण पुत्र ठाकुर, अजीत कुमार पुत्र सतवीर,बिट्टू पुत्र ठाकुर, विक्की पुत्र भोपाल सिंह,अशोक पुत्र राजा, सूर्य पुत्र गामू सिंह, जगबीर पुत्र कलवा,हेमलता पत्नी अजीत, नीरज पत्नी बिट्टू, चंद्रावती पत्नी जगबीर, कल्पना पत्नी कालीचरण सभी उत्तर प्रदेश, हाल निवासी डुमेट शामिल थे।
नदी किनारे ही झोपड़ी में रहते थे सभी मजदूर: टापू में फंसे मजदूर सभी मूल रूप से यूपी के अलग-अलग जगहों के रहने वाले है। वह यहां मजदूरी करते हैं और नदी किनारे ही झुग्गी-झोपड़ी में काम करते हैं। चूंकि यमुना में खनन का काम होता है तो यहां उनको आसानी से मजदूरी मिल जाती है। खाली समय में वह खनन, सामग्री रेत-बजरी एकत्रित करते रहते हैं। गुरुवार को भी वह इसी कार्य के लिए नदी में गए थे और अचानक जलस्तर बढ़ने से फंस गए।
यमुना के बीच टापू पर फंसे 11 मजदूरों को रेस्क्यू किया
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