- कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
1 – सहकारिता विभाग में उप निबंधक ऑडिट के 1 निसंवर्गीय पद को कैबिनेट ने दी मंजूरी।
सहकारिता विभाग में उप निबंधक ऑडिट लेवल 11 के पद को 5 साल के लिए सृजन किया गया है। जिसे कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है। यह एक निसंवर्गीय पद है।
2 – बद्रीनाथ धाम में स्थित आईएसबीटी वॉल्स पर में मास्टर प्लान के अंतर्गत में म्यूरल आर्ट वार्क किया जाएगा, जिसे कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।
3 – पशुपालन विभाग की योजना जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों को पशुपालन के लिए 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है, और डेयरी विकास की गंगा गाय योजना के विलय को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की है। अब इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों के साथ सामान्य वर्ग के लोगों को भी दिया जाएगा।
4 – पशुपालन विभाग के अंतर्गत पशुधन प्रसार अधिकारियों के चयन के बाद इन्हें 2 साल तक का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण की अवधि को 2 साल से घटाकर 1 वर्ष किए जाने के निर्णय को कैबिनेट ने दी अपनी मंजूरी।
देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड की धामी सरकार ने विकास की रफ्तार को और तेज करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णयों की झड़ी लगा दी है। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सहकारिता, पशुपालन, डेयरी विकास और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े कई प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई। इन फैसलों से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि तीर्थाटन और पर्यटन को भी नया रूप मिलेगा। सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक के निर्णयों की विस्तृत जानकारी साझा की।
सहकारिता विभाग में उप निबंधक ऑडिट के 1 निसंवर्गीय पद को कैबिनेट मंजूरी:
सहकारिता विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक ऑडिट प्रक्रिया को और सशक्त करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए उप निबंधक (ऑडिट) लेवल-11 का एक नया पद सृजित किया गया है, जिसे अगले पांच वर्षों तक प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा। यह कदम सहकारी संस्थाओं में वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देगा और ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता को मजबूती प्रदान करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय सहकारी समितियों में विश्वास बढ़ाने और उनके प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने में मददगार साबित होगा, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।
बदरीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण:
मास्टर प्लान को गतिचारधाम यात्रा के प्रमुख केंद्र बदरीनाथ धाम के सौंदर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान के तहत कई महत्वपूर्ण कार्यों को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने धाम की दीवारों पर आकर्षक और कलात्मक चित्रण (आर्टवर्क) को हरी झंडी दी, जिसमें अंतरराज्यीय बस अड्डे (आईएसबीटी) की दीवारों का भी सौंदर्यीकरण शामिल है। ये कलाकृतियां स्थानीय संस्कृति, धार्मिक महत्व और उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाएंगी, जिससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए बदरीनाथ का आकर्षण और बढ़ेगा। यह पहल न केवल धाम के सौंदर्य को निखारेगी, बल्कि स्थानीय कलाकारों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी। साथ ही, यह पर्यटन को बढ़ावा देकर क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि में योगदान देगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान के तहत अन्य बुनियादी ढांचा विकास कार्य भी प्रगति पर हैं, जो तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेंगे।
पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में नई पहल:
पशुपालन विभाग के तहत अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए 90% सब्सिडी वाली गाय वितरण योजना को डेयरी विभाग की ‘गंगा गाय योजना’ के साथ समाहित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस कदम से योजना का दायरा बढ़ेगा, और अब सामान्य वर्ग के लोग भी इसका लाभ उठा सकेंगे। सामान्य वर्ग के लिए सब्सिडी की दर अगली मंत्रिमंडल बैठक में तय की जाएगी। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे राज्य की डेयरी आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
पशुधन प्रसार अधिकारियों के 429 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया होगी तेज:
इसके अतिरिक्त, पशुधन प्रसार अधिकारियों के 429 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया को तेज करने का फैसला लिया गया। इन पदों के लिए पहले निर्धारित दो वर्ष के प्रशिक्षण अवधि को घटाकर एक वर्ष कर दिया गया है, ताकि भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जा सके। यह कदम पशुपालन विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में पशु स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाएगा।
इन निर्णयों से उत्तराखंड सरकार ने विकास के विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित और समावेशी प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सहकारिता विभाग में सुधार, बदरीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण और पशुपालन व डेयरी क्षेत्र में नई पहल से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान भी और मजबूत होगी। ये फैसले उत्तराखंड को एक समृद्ध और पर्यटक-अनुकूल राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।