अल्मोड़ा)। हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर अल्मोड़ा पत्रकार संगठन की ओर से शुक्रवार को एक गोष्ठी और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ‘वर्तमान समय में पत्रकारिता की चुनौतियां’ विषय पर चर्चा हुई, जिसमें वक्ताओं ने पत्रकारिता की गिरती स्वतंत्रता और जनपक्षीय पत्रकारों पर बढ़ते दमन पर चिंता जताई। वक्ताओं ने कहा कि आज पत्रकारिता अनेक चुनौतियों के दौर से गुजर रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगातार हमले हो रहे हैं और सत्ता पक्ष से जुड़े पत्रकारों को खुली छूट मिल रही है, जबकि जनहित में आवाज उठाने वालों को दबाने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने इंडियन प्रेस फ्रीडम रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि बीते वर्षों में 226 पत्रकार निशाने पर रहे, 21 को जेल में डाला गया और कई पर यूएपीए जैसी गंभीर धाराएं लगाई गईं। वहीं, वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत 180 देशों में 151वें स्थान पर पहुंच गया है, जो बेहद चिंताजनक है। गोष्ठी में यह भी कहा गया कि इंटरनेट मीडिया के दौर में पत्रकारिता अब बहुआयामी हो गई है। गांव से लेकर शहर तक खबरें अब आम जनता तक पहुंच रही हैं, लेकिन इसके साथ ही विश्वसनीयता की चुनौती भी सामने आई है। इन हालात में पत्रकारों को अपनी भूमिका और जिम्मेदारी को और गंभीरता से निभाना होगा। कार्यक्रम में पत्रकारिता के क्षेत्र में दीर्घकाल से सक्रिय वरिष्ठ पत्रकार डीके जोशी और राजेंद्र धानक को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र रावत, चंद्रशेखर द्विवेदी, चंदन नेगी, मुकेश सक्टा, देवेंद्र बिष्ट, कमल पंत, संजय नयाल, हेमंत बिष्ट, शिवेंद्र गोस्वामी सहित अनेक पत्रकार उपस्थित रहे।
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर अल्मोड़ा में पत्रकार सम्मान और गोष्ठी का आयोजन
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