Sunday, June 8, 2025
Homeहोमउत्तराखण्डमजदूरों से आज भी गुलामों सा बर्ताव किया जाता है

मजदूरों से आज भी गुलामों सा बर्ताव किया जाता है


विकासनगर। मजदूर दिवस पर गुरुवार को चाय बागान श्रमिक संघ ने गुडरिच स्थित चाय फैक्ट्री में ध्वजारोहण कर शहीद मजदूरों को नमन करने के साथ ही अपने हक के लिए आवाज बुलंद की। मजदूर संघों के नेताओं ने कहा कि बीते दस साल में उनका शोषण बढ़ा है। चाय बागान श्रमिक संघ के महामंत्री देवानंद पटेल ने कहा कि बीते दस साल में सरकार ने मजदूर विरोधी नीतियां लागू कर उनका आर्थिक और शारीरिक शोषण किया है। औद्योगिक घरानों और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रमिकों के अधिकार छीने जा रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में सबसे बड़ा योगदान श्रमिकों को होता है, लेकिन आर्थिक तौर पर फायदा पूंजीपतियों को मिलता है। मजदूरों से आज भी गुलामों सा बर्ताव किया जाता है। सीटू के प्रांतीय महामंत्री लेखराज ने कहा कि स्थानीय स्तर पर मजदूरों की हालत बेहद खराब है। सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिकों को ठेका प्रथा पर रखा जा रहा है, जिससे उन्हें श्रम कानूनों के तहत कोई लाभ नहीं मिलता है। औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों को मानक से कम मानदेय दिया जाता है, जिसमें से भी एक बड़ा हिस्सा ठेकेदार ले लेता है। सीपीएम के जिला सचिव शिव प्रसाद देवली ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार दस साल से सिर्फ गरीबों, किसानों और मजदूरों का शोषण कर रही है। उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों की जमीनों का जबरदस्ती अधिग्रहण किया जा रहा है। कहा कि पछुवादून में चाय बागानों को साल दर साल उजाड़ा जा रहा है। बीते साल 120 बीघा में चाय बागान उजाड़ कर परंपरागत खेती की जा रही है। चाय बागान में न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 476 रुपये है, लेकिन अधिकतम मजदूरों को दो सौ से 250 प्रतिदिन ही मजदूरी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अपने हक के लिए मजदूरों को आवाज बुलंद करनी होगी। इस दौरान नरेश कुमार, हरीश, विजय, चंदपाल यादव, जगदीश, महेश कुमार, गगन, रविंद्र, अनीता, उर्मिला आदि मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments