पौड़ी । पीपीपी मोड से हटने के बाद नए साल के पहले ही दिन जिला अस्पताल पौड़ी में स्वास्थ्य सेवाएं अस्त- व्यस्त रहीं। शासन के आदेशों के बाद भी जिला अस्पताल में एक भी विशेषज्ञ डाक्टर ने ज्वाइनिंग नहीं दी। जिसके चलते सीएमओ व एसीएमओ को खुद मोर्चा संभालना पड़ा। पहले दिन अस्पताल में एक क्रिटिकल केस समेत 10 ओपीडी दर्ज हुई। जिनका उपचार आकस्मिक सेवा में हुआ। जिला अस्पताल पौड़ी में पहले ही दिन अस्पताल चिकित्सक विहीन बना रहा। पौड़ी अस्पताल में सीएमएस व दस विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ज्वाइनिंग देनी थी। लेकिन अभी तक एक भी चिकित्सक के नहीं पहुंचने से अस्पताल में सभी कक्ष खाली पड़े रहे। स्वास्थ्य महानिदेशक के आदेश के बावजूद बुधवार को भी किसी ने ज्वाइनिंग नहीं दी। जिससे यहां पहुंचने वाले मरीजों को दिक्क्तों का सामना भी करना पड़ा।
महंत इंद्रेश अस्पताल देहरादून की ओर से जिला अस्पताल पौड़ी समेत सीएचसी पाबौ, घंडियाल व बीरोंखाल को जनवरी 2021 से पीपीपी मोड संचालित किया जा रहा था। बीते मंगलवार को पीपीपी मोड से हटाकर जिला अस्पताल को सरकार ने अपने हाथों में ले लिया। शासन ने अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सीएमएस व दस विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती तो की लेकिन पहले दिन एक भी चिकित्सक ज्वाइनिंग नहीं देने नहीं आए। सीएमओ ने एसीएमओ को अस्पताल के पीएमएस की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही आसपास के अस्पतालों से 8 डाक्टरों को व्यवस्था के तौर पर तैनात किया है। जिन्होंने पहले दिन यहां काम किया।
इधर, सीएमओ पौड़ी डा.प्रवीण कुमार का कहना है कि जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती को लेकर करीब तीन महीने पहले से ही शासन से पत्राचार किया जा रहा है। अभी तक एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक ने ज्वाइनिंग नहीं दी है। व्यवस्था के लिए आसपास के अस्पतालों के चिकित्सकों से काम लिया जा रहा है साथ ही उच्चाधिकारियों को भी सूचित किया जा रहा है।
पौड़ी जिला अस्पताल में पहले दिन ही सेवाएं रही प्रभावित
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