देहरादून। पिछले तीन सालों में ऊर्जा निगम के कार्यों को लेकर एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने दावा किया कि बेहतर प्रबंधन के कारण आज उत्तराखंड के लोगों को देश के दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे सस्ती बिजली मिल रही है। सस्ती बिजली खरीद के कारण बिजली उपभोक्ताओं को जुलाई से लेकर नवंबर महीने के बीच 324 करोड़ रुपए लौटाए जा रहे हैं। समय पर बिजली कंपनियों का भुगतान कर 131 करोड़ रुपए बचाए।
एमडी यूपीसीएल ने कहा कि आज उत्तराखंड में बिजली के रेट देश के दूसरे राज्यों से सबसे सस्ते हैं। उत्तराखंड में घरेलू बिजली के औसत रेट 5.82 रुपए प्रति यूनिट हैं। दूसरी ओर हिमाचल में 6.33 रुपए, पंजाब में 6.58 रुपए, एमपी 6.71 रुपए, गुजरात 6.78 रुपए, यूपी 7.18 रुपए, बिहार 8.62 रुपए और महाराष्ट्र में 8.81 रुपए प्रति यूनिट हैं। पॉवर सिस्टम के ऑपरेशन एंड मेंटनेंस में उत्तराखंड में 47 पैसे प्रति यूनिट खर्च होते हैं। जबकि दूसरे राज्यों में यही खर्चा 55 पैसे से लेकर 2.05 रुपए प्रति यूनिट तक है।
कहा कि राज्यों से एनर्जी बैकिंग सीधे राज्यों से कर 50 करोड़ बचाए। समय पर बिजली कंपनियों को भुगतान करने से लेट पैमेंट सरचार्ज के भार से भी राज्य को बचाया। बेहतर प्रबंधन के जरिए ही ऊर्जा निगम देश के 52 ऊर्जा निगमों में चौथे स्थान पर आया। लाइन लॉस 13.89 प्रतिशत तक लाकर बिजली बचाई है। नियामक आयोग की तय बिजली दरों से भी कम पर बिजली खरीद पैसा बचाया। बिजली के सस्ते करार किए। डिजीटल पेमेंट को 80.52 प्रतिशत पर पहुंचाया। इन तमाम कार्यों का लाभ आने वाले समय में बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली के रूप में मिलेगा।
700 घरों को मिलेंगे निशुल्क बिजली कनेक्शन
एमडी यूपीसीएल ने बताया कि धरती आभार जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत उन क्षेत्रों में भी निशुल्क बिजली पहुंचाई जाएगी, जहां 50 प्रतिशत आबादी एसटी है। उत्तराखंड में इस योजना के तहत ऐसे 700 घरों का चयन किया गया है।
केदारनाथ, बदरीनाथ में 24 घंटे बिजली सप्लाई का किया पक्का इंतजाम
एमडी ने बताया कि अभी तक केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए बिजली की सप्लाई 11 केवी लाइनों के भरोसे ही थी। अब केदारनाथ और बदरीनाथ धाम तक 33 केवी की स्वतंत्र बिजली लाइनें तैयार की जा रही हैं। बदरीनाथ धाम के लिए पांडुकेश्वर से 33 केवी लाइन 27 करोड़ में तैयार की जा रही है। केदारनाथ धाम के लिए रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग तक 65 किमी लंबी 33 केवी लाइन 45 करोड़ में तैयार की जा रही है। इसके लिए पर्यटन विभाग समेत एसपीए में बजट उपलब्ध कराया जा रहा है।
ऊर्जा निगम के बेहतर प्रबंधन से उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से सबसे सस्ती बिजली
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