केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को ऐलान किया कि दो साल के बाद इस साल फिर से हज यात्रा शुरू की जा रही है। इस साल 50 हजार से ज्यादा भारतीय मुसलमान हज यात्रा पर जाएंगे। नकवी ने कहा कि भारतीय यात्रियों को सऊदी सरकार द्वारा निर्धारित कोविड -19 प्रोटोकॉल के तहत जारी किए गए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। वहीं भारत सरकार की तरफ से हज यात्रा पर जाने वाले हर हाजी के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य होगा।
मीडिया से बात करते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत सरकार ने बिना सब्सिडी के भी हज यात्रा को सस्ता कर दिया है। इससे पहले रविवार को 145 कश्मीरी तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था श्रीनगर से वार्षिक हज यात्रा करने के लिए मदीना के लिए रवाना हुआ। इस साल कश्मीर से करीब 6000 लोग हज यात्रा पर जाने वाले हैं।
4 जून से 16 जून तक 7,724 यात्रियों के साथ कोच्चि से मदीना के लिए कुल 20 उड़ानें प्रस्थान करने वाली हैं। इनमें से 5,758 तीर्थयात्री केरल और 1966 तीर्थयात्री तमिलनाडु, पांडिचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान से हैं।
साल 2019 में दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक सभाओं में से एक हज यात्रा में लगभग 25 लाख लोगों ने भाग लिया था। 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद सऊदी अधिकारियों ने घोषणा की थी कि वो केवल 1,000 तीर्थयात्रियों हज यात्रा में शामिल होने देंगे।वहीं पिछले साल सऊदी सरकार ने लॉटरी के जरिए चुने गए साठ हजार लोगों को हज यात्रा करने की इजाजत दी थी जिन्हें कोरोना के दोनों टीके लग चुके थे। सऊदी सरकार के इस फैसले से दुनिया भर के मुसलमानों में गहरी निराशा हुई, जो आमतौर पर हज यात्रा में हिस्सा लेने के लिए साल भर अपनी कमाई का एक हिस्सा बचत के तौर पर जमा करते हैं। अप्रैल 2022 में सऊदी सरकार ने ऐलान किया कि वो इस साल हज में शामिल होने के लिए देश के भीतर और बाहर के 10 लाख मुसलमानों को अनुमति देगा। हज यात्रा जुलाई में शुरू होगी।