एनएचबी मेडिकल यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार के पद पर चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के उप निदेशक की तैनाती को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। रजिस्ट्रार चयन के लिए तय प्रक्रिया न अपनाए जाने पर विभाग से लेकर सोशल मीडिया में सवाल खड़े किए जा रहे हैं।सरकार ने एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी में संयुक्त सचिव एसएस रावत को रजिस्ट्रार का चार्ज दिया था। लेकिन स्वास्थ्य कारणाों की वजह से अब उन्होंने इस पद पर काम करने में असमर्थता जताई है। इसके बाद विवि में नए रजिस्ट्रार की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों के अनुसार रजिस्ट्रार के लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में तैनात उप निदेशक को तैनात करने का प्रस्ताव है। विभाग के सूत्रों का कहना है कि रजिस्ट्रार के चयन में तय प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। जिससे सोशल मीडिया से लेकर विभाग में इस तैनाती को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि एचएनबी चिकित्सा विवि के कुलपति प्रो हेमचंद्रा ने बताया कि विवि के लिए अभी कामचलाऊ रजिस्ट्रार की व्यवस्था हो रही है। जिन प्रोफेसर का नाम रजिस्ट्रार के लिए सोशल मीडिया में चल रहा है, उनका उनसे कोई निजी ताल्लुक नहीं है। शासन से कुछ नाम मांगे गए थे, जो भेजे गए हैं। उनके लिए विवि की ओर से कोई सिफारिश नहीं की गई है। सरकार जिसे चाहे उसे विवि रजिस्ट्रार का चार्ज दे सकती है। नियमित रजिस्ट्रार की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।
हल्द्वानी में फीजियोलॉजी विभाग पर संकट
चिकित्सा शिक्षा विभाग के जिस उप निदेशक को रजिस्ट्रार बनाने का प्रस्ताव है, वह मूल रूप से हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में फीजियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। कुछ साल पूर्व उन्हें उप निदेशक के पद पर निदेशालय से अटैच किया गया था। लेकिन हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो अरुण जोशी ने सरकार को पत्र लिखकर प्रोफेसर डा. एएन सिन्हा को तत्काल वापस भेजने की मांग की थी। नेशनल मेडिकल कमीशन के दौरे को देखते हुए सरकार ने प्रो सिन्हा को वापस भेजेने के आदेश भी किए लेकिन अभी तक प्रो सिन्हा वहां गए नहीं हैं। जबकि उनका वेतन भी हल्द्वानी से निकल रहा है। प्रो जोशी ने बताया कि प्रो सिन्हा को वापस देने का अनुरोध किया गया है।