यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का ड्राफ्ट तय करने के लिए गठित समिति इस विषय पर पुराने सिविल कानूनों का अध्ययन करने के साथ ही सभी पक्षों से राय भी लेगी। कमेटी की रिपोर्ट के लिए सरकार ने अभी समय सीमा तय नहीं की है। प्रदेश सरकार ने एक दिन पहले ही समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तय करने के लिए पांच समदस्य कमेटी का गठन किया है।
पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली कमेटी के काम काज को लेकर अभी गाइडलाइन स्पष्ट नहीं है। साथ ही सरकार ने रिपोर्ट देने के लिए अभी समय सीमा भी तय नहीं की है। लेकिन कमेटी के सदस्य निजी तौर पर इसकी तैयारी में जुट गए हैं।
कमेटी के सदस्य और उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह के मुताबिक यूं तो कमेटी सदस्यों की पहली बैठक में ही काम काज का तौर तरीका तय किया जाएगा, लेकिन इसके लिए सामान्य तौर पर पुराने कानूनों, विभिन्न कोर्ट से प्राप्त निर्णयों का अध्ययन करना होगा। साथ ही सभी हितधारकों से बात भी करनी होगी।
उत्तराखंड की सीमा पर दो – दो इंटरनेशनल बॉर्डर हैं। यह देवभूमि भी है, जहां पवित्रधाम के साथ ही कई नदियां निकलती है। इसलिए यहां की संस्कृति को बचाए रखने के लिए सरकार ने सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता तैयार करने निर्णय लिया है। इसके लिए सभी हितधारकों से बात की जाएगी।