फार्म भरने में जरा सी चूक, हाथ से गई सरकारी नौकरी, ये हैं गलतियां

Manthan India
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सरकारी नौकरी का सपना आवेदकों के स्तर से फार्म भरने में हो रही मामूली चूक से टूट जा रहा है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी)  के पास हर भर्ती में ऐसे कई मामले आ रहे हैं। जहां सफल अभ्यर्थी सिर्फ आवेदन भरने में हुई मानवीय चूक के चलते रोजगार से वंचित हो जा रहे हैं।

बीते दिनों आए एलटी रिजल्ट में टिहरी जिले की युवती मेरिट में काफी ऊपर होने के बावजूद भी अंतिम चयन सूची में सिर्फ इसलिए शामिल नहीं हो पाई क्योंकि उन्होंने अपनी कैटेगरी पुरुष वर्ग में भर दी थी। इसी तरह इन दिनों चल रही पुलस भर्ती में भी रोजाना ऐसे मामले आ रहे हैं, जहां महिला आवेदक शारीरिक परीक्षा के लिए पुरुष भर्ती केंद्र पर पहुंच जा रहे हैं, या पुरुष आवेदक गलत आवेदन के कारण महिला भर्ती केंद्र पर पहुंच रहे हैं। इस कारण उन्हें आयोग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

आयोग के मुताबिक परीक्षा से पूर्व तो ऑनलाइन आवेदन में बदलाव संभव है, लेकिन परीक्षा होने के बाद कोई सुधार संभव नहीं है। कारण इससे मेरिट प्रभावित होती है। मेरिट में शामिल कोई अभ्यर्थी यदि तकनीकी आधार पर बाहर होता है तो फिर उसकी जगह निचली मेरिट का आवेदक खुद ही आ जाता है।

ऑनलाइन फार्म से दिक्कत: इस तरह की शिकायत सीएससी के जरिए आवेदन करने वालों के मामले में ज्यादा आ रही है। ज्यादा दिक्कतें मेल, फीमेल कैटेगरी, आरक्षण को लेकर आती है। हालांकि आयोग इन समस्याओं को दूर करने के लिए ओटीआर की व्यस्था लागू कर चुका है। बावजूद इसके इस तरह की गड़बड़ियां आ रही हैं।

ओबीसी आरक्षण में ज्यादा दिक्कत
ओबीसी प्रमाणपत्र क्रीमिलेयर की शर्त के चलते तीन साल के लिए मान्य होता है। इस कारण कई आवेदक पुराना प्रमाणपत्र ही आवेदन में लगा देते हैं, जो मान्य नहीं हो पाता है। इसी तरह आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए भी आवेदक, फार्म भरने के दिन तक प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। जबकि आवेदन की तिथि के बाद लगाया गया प्रमाणपत्र मान्य नहीं होता है। कुछ युवा गलती से पूर्व सैनिक श्रेणी में भी आवेदन कर रहे हैं।आवेदक छोटी-छोटी गलतियां कर रहे हैं। यदि परीक्षा से पूर्व आवेदन में सुधार नहीं किया गया तो फिर किसी भी स्तर से बदलाव संभव नहीं हो पाता है। कुछ मामलों में सफल अभ्यर्थी मात्र गलत कैटेगरी में आवेदन के चलते अंतिम रूप से चयनित नहीं हो पाए। इस मामले में हाईकोर्ट की भी डबल बैंच की तरफ से स्पष्ट आदेश हैं। इसलिए फार्म भरने में अतिरिक्त सावधानी बरती जाए।

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