निर्वाचन आयोग की तरफ से राज्यसभा चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद भाजपा में कई दिग्गजों का भविष्य दांव पर है। उत्तराखंड में भाजपा पैनल से बाहर का प्रत्याशी भी घोषित कर सकती है। निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड समेत कई राज्यों में राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून की तारीख तय की है।
उत्तराखंड में रास सदस्य प्रदीप टम्टा का कार्यकाल चार जुलाई को खत्म होने जा रहा है। ऐसे में भाजपा में राज्यसभा सीट के संभावित दावेदारों की सक्रियता बढ़ गई है। भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने रास सदस्य के पैनल के लिए छह नाम भेजने का निर्णय लिया है। इसमें तीन पुरुष और तीन महिलाएं शामिल किए जाने हैं।
प्रबल दावेदारों में अभी पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, त्रिवेंद्र सिंह रावत,भाजपा के राष्ट्रीय महिला मोर्चा की महामंत्री दीप्ति रावत व सीएम
पुष्कर सिंह धामी के लिए विस सीट छोड़ने वाले चंपावत के पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी के नाम की चर्चा है। वर्ष 2016 में कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को अभी तक भाजपा में कोई ओहदा नहीं मिल पाया है।
हालांकि पार्टी उनके बेटे और सितारगंज के विधायक सौरभ बहुगुणा को कैबिनेट मंत्री बनाकर इनाम दे चुकी है। ऐसे में परिवारवाद के आरोप से बचने के लिए भाजपा बहुगुणा से किनारा भी कर सकती है। वहीं मार्च, 2021 से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत भी खाली हैं। पहले माना जा रहा था कि पार्टी, संगठन या किसी प्रदेश का प्रभारी बनाकर उन्हें सम्मान देगी लेकिन उनका पुनर्वास अभी तक नहीं किया गया।
अब राज्यसभा के लिए उनका नाम भी गूंज रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा हाईकमान इस बार पैनल से बाहर का प्रत्याशी भी घोषित कर सकता है। पार्टी में अंदरखाने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का नाम चर्चाओं में है। उनका उत्तराखंड से पुराना रिश्ता भी है। गोयल का राज्यसभा का कार्यकाल भी अगले माह खत्म होने जा रहा है।
राज्यसभा सदस्य के लिए पैनल पर शनिवार को चर्चा होनी है। प्रदेश नेतृत्व की तरफ से हाईकमान को छह नाम भेजे जाएंगे। प्रत्याशी चयन पर अंतिम मुहर हाईकमान ही लगाएगा।