दिल्ली में बीते शुक्रवार को तीन मंजिला इमारत में आग लगने से 27 लोगों की मौत के बाद हरिद्वार में भी आग से सुरक्षा के इंतजामों को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं। आलम यह है कि हरिद्वार में मात्र दस फीसदी होटल और 2 फीसदी धर्मशालाओं ने एनओसी ली हुई है।
वहीं, अग्निशमन विभाग ने कभी शहर के बैंक्वेट हॉल, कॉम्प्लेक्स, भवन, स्कूल भवन, पेट्रोल पंप, होटल या धर्मशालाओं आदि की आग से सुरक्षा को लेकर कोई जांच नहीं की। विभाग के पास न कोई आंकड़ा है न कोई सटीक बयान।
अधिकारियों के अनुसार केवल एनओसी को आवेदन करने वालों के यहां ही निरीक्षण करने के बाद एनओसी दी जाती है। अग्निशमन अधिकारी के अनुसार, हरिद्वार में मात्र दस फीसदी होटल और 2 फीसदी धर्मशालाओं ने एनओसी ली हुई है। अप्रैल माह में विभागीय जांच में शहर में स्थित 59 फायर हाईड्रेंट में से 22 में कमियां सामने आईं। जिन्हें ठीक करने को जल संस्थान को लिखा गया है।
विभागों के दफ्तरों में भी नहीं पर्याप्त इंतजाम: शनिवार को हिन्दुस्तान की पड़ताल के दौरान जिला पंचायत कार्यालय में अग्निशनम उपकरण नहीं दिखाई दिए। डेट एक्सपायर होने के कारण पिछले माह सभी अग्निशमन के उपकरणों को हटा दिया गया था। हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण कार्यालय भवन में सिर्फ फायर सिलेंडर लगा कर खानापूर्ति देखने को मिली। भवन में फायर होज नोजल नहीं दिखाई दी।
सिचाई विभाग उत्तराखंड में भी आग से बचाव के लिए अग्निशमन उपकरण मौजूद नहीं दिखे। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता कार्यालय भवन में अग्निशमन उपकरणों की कमी दिखी। केवल बीएसएनएल कार्यालय में अग्नि से बचाव के लिए सभी उपकरण मौजूद दिखे। पर्याप्त फायर सिलेंडर के साथ फायर होज नोजल भी भवन में लगे थे। रेत से भरी बाल्टियां भी जगह-जगह लगी दिखीं।
9 स्कूलों ने ली एनओसी
शहर में सैकड़ों स्कूल खुले हुए हैं। जिनमें दो से तीन मंजिला भवन बने हुए हैं। इन स्कूलों में सैकड़ों बच्चे अध्ययनरत हैं। स्कूलों के भवन आग से सुरक्षा को लेकर मानकों के अनुसार बनाए गए हैं या उनमें फायर सिस्टम लगे हैं या नहीं। इसकी जानकारी भी फायर विभाग के पास नहीं है। 2022 में हरिद्वार में सिर्फ 9 स्कूलों ने ही अग्निशमन विभाग से एनओसी ली है।
इन बाजारों में नहीं घुस सकते दमकल वाहन
बड़ा बाजार, मोती बाजार, अपर रोड, हरकी पैड़ी क्षेत्र समेत ज्वालापुर क्षेत्र में घोसियान, मोहल्ला मेहतान, मालियान, चाकलान, कटहरा बाजार, मैदानियान आदि इलाकों की गलियां काफी संकरी हैं। यहां दमकल वाहन तो क्या छोटे चौपहिया वाहन तक अंदर नहीं जा सकते हैं।