उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गुलाबी और सफेद राशन कार्ड की लिमिट पूरी होने के कारण नए आवेदन लटक गए हैं। अब इस श्रेणी में आने वाले लोग दूसरों का नाम कटने पर ही जोड़े जाएंगे।
जिले में 2.10 लाख सफेद कार्ड और 15 हजार गुलाबी राशन कार्डधारक हैं। जबकि, राज्य खाद्य योजना के तहत डेढ़ लाख के करीब पीले राशन कार्डधारक भी हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सफेद और अंत्योदय श्रेणी के तहत गुलाबी कार्ड की लिमिट पूरी हो चुकी है। दून में सफेद राशन कार्ड की 2.10 लाख और गुलाबी कार्ड की लिमिट 15 हजार है। लिहाजा, नए आवेदन लिए तो जा रहे हैं, लेकिन राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं।
इन श्रेणियों में बनते हैं ये कार्ड
डीएसओ जसवंत कंडारी के अनुसार, राज्य खाद्य योजना के तहत पीले राशन कार्ड पर साढ़े सात किलो अनाज प्रति परिवार दिया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सफेद कार्ड पर पांच किलो प्रतियूनिट और अंत्योदय श्रेणी के तहत गुलाबी कार्ड पर 35 किलो अनाज प्रतिमाह प्रति परिवार दिया जाता है।
सचिवालय के दो अफसरों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए। वे जिलापूर्ति अधिकारी कार्यालय पहुंचे थे। दरअसल, कई साल पहले इन अफसरों का राज्य खाद्य योजना के तहत पीला राशन कार्ड जारी हुआ था। जांच में पता चला कि दोनों अफसरों ने राशन नहीं लिया। सरकारी अधिकारी होने के नाते वे इस योजना के तहत अपात्र थे। इस कारण उन्होंने राशन कार्ड सरेंडर करने की इच्छा जताई। दोनों ही अफसर सचिवालय में तैनात हैं। इधर, जिलापूर्ति अधिकारी जसवंत कंडारी के अनुसार, कई लोग राशन कार्ड सरेंडर करने आ रहे हैं। अपात्र लोगों को खुद ही कार्ड सरेंडर करना चाहिए, ताकि पात्र लोगों को इसका लाभ मिल सके।
सफेद कार्ड बनाने को काट रहे चक्कर
सफेद राशन कार्ड बनवाने के लिए अब भी कई लोग डीएसओ कार्यालय पहुंच रहे हैं। करीब एक हजार लोगों ने आवेदन किया है। कुछ लोग अब पीला राशन कार्ड बनवाने को मजबूर हैं।
सफेद और गुलाबी कार्ड का लक्ष्य पूरा हो चुका है। लेकिन, सफेद राशन कार्ड के लिए लोगों के आवेदन आए हैं। जगह खाली होने पर ही इनके कार्ड बनाए जा सकेंगे।
जसवंत कंडारी, डीएसओ-देहरादून
ये हैं पात्र
-ऐसा परिवार, जिसका संचालन मुखिया के तौर पर विधवा महिला या अकेली महिला करती हो तथा परिवार की कुल मासिक आय 15,000 रुपये से कम हो।
-ऐसा परिवार, जिसका संचालन मुखिया के तौर पर असाध्य रोगों से पीड़ित या विकलांगता/60 से अधिक आयु वाला बुजुर्ग करता हो और परिवार की कुल मासिक आय 15,000 रुपये से कम हो।
-आदिम आदिवासी और सीमांत क्षेत्रों में निवासरत आदिवासी परिवार।
-ऐसा परिवार, जिसके पास राजस्व अभिलेखों में दर्ज सिंचित भूमि का कुल क्षेत्रफल दो हेक्टेयर से कम हो या एक हेक्टेयर सिंचित अथवा 2 हेक्टेयर असिंचित से कम हो या कुल क्षेत्रफल 4 हेक्टेयर असिंचित भूमि से कम हो।
-शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ी में उत्तराखण्ड की स्थापना के पूर्व से निवासरत परिवार।
इन श्रेणियों में बनते हैं ये कार्ड
डीएसओ जसवंत कंडारी के अनुसार, राज्य खाद्य योजना के तहत पीले राशन कार्ड पर साढ़े सात किलो अनाज प्रति परिवार दिया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सफेद कार्ड पर पांच किलो प्रतियूनिट और अंत्योदय श्रेणी के तहत गुलाबी कार्ड पर 35 किलो अनाज मिलता है।
31 तक निरस्त करवाएं राशन कार्ड
एसडीएम नरेश चंद्र दुर्गापाल ने एसडीएम सभागार में सरकारी सस्ते गल्ले से जुड़े लोगों संग बैठक की। उन्होंने कहा कि सभी राशन विक्रेता निर्धारित समय पर दुकान खोलें। उन्होंने यह भी कहा कि सफेद राशन कार्डधारक, जिनकी आय 15 हजार से अधिक है, उनके राशन कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई की जाए। 31 मई तक कार्ड निरस्त करवाएं।
राज्यभर में एक जून से चलेगा अभियान
सरकार ने बीते दिनों राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (एनएफएसए) और अंत्योदय योजना के तहत अपात्र हो चुके लोगों को चेतावनी जारी की। कहा गया कि 31 मई तक राशन कार्ड सरेंडर न करने वाले अपात्र लोगों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर कराने के साथ रिकवरी भी की जाएगी। एक जून से अभियान ‘अपात्र को ना-पात्र को हां’ नाम दिया है।