कांग्रेस की नाव को गुटबाजी के भंवर से बाहर लाने के लिए नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सभी धड़ों को साथ लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे। रविवार को कार्यभार ग्रहण समारोह में अपने भाषण और बाद में मीडिया से बातचीत में माहरा ने इसके संकेत दिए। माहरा ने मंच पर बैठे हर नेता के साथ अपने पुराने रिश्तों और अनुभव का जिक्र करते हुए आशीर्वाद और सहयोग मांगा।नेताओं की तारीफ में करन ने शब्द खर्च करने में कोई कंजूसी नहीं की। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से शुरूआत करते हुए कहा कि उनके जैसा प्रदेश प्रभारी अपने जीवन में नहीं देखा। देवेंद्र ने कांग्रेस को छह महीने पहले ही इलेक्शन मोड में ला दिया था। उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है।
फिर बारी थी हरीश रावत की। कहा कि हरीश के नाम से ही कांग्रेस को जाना जाता है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को बड़ा भाई बताते हुए कहा कि उनके जैसा संस्कारवान व्यक्ति बहुत कम होते हैं। तो नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सर्वाधिक अनुभव वाले व्यक्ति हैं। कहा नवप्रभात के ज्ञान का प्रदेश के हर कांग्रेस सीएम ने उपयोग किया। शूरवीर सिंह सजवाण ऐसे नेता हैं जिन्हें देखकर यूपी में सीएम वीरबहादुर सिंह भी थर्राते थे।रणजीत रावत ऐसे नेता हैं, जिनको देखने-सुनने के लिए करन बचपन में स्कूल से बिना बताए ही चले आए थे। आदेश चौहान, भुवन कापड़ी, सुमित ह़्दयेश की तारीफ भी की। काजी निजामुद्दीन को अपना संसदीय गुरू और ज्ञान का भंडार बताया। करन ने कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं गुटबाजी से कैंसे निपटूंगा? देखिए मैं तो सबसे छोटा हूं। सबका लाड़ला हूं। ये सब बड़े लोग मुझे संभालेंगे और मैं कांग्रेस को आगे बढ़ाने का काम करूंगा।
संगठन में पद परिक्रमा से नहीं योग्यता से मिलेंगे
करन ने कहा कि तीन महीने के भीतर प्रदेश कार्यकारिणी तैयार कर ली जाएगी। एक बात साफ है कि कार्यकारिणी 300-400 लोगों की नहीं होगी। जो व्यक्ति काम करने वाला है, जिसे उसके क्षेत्र की जानती होगी, उसी को मौका मिलेगा। राजीव भवन की या नेताओं की परिक्रमा वाले मुझे माफ करें।
भांजी अनुपमा को नसीहत दी
करन ने हरिद्वार ग्रामीण विधायक अपनी भांजी और पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को नसीहत भी दी। कहा कि, पहला चुनाव वो अपने पिता के नाम और पार्टी के सहयोग से जीतीं हैं। अब आगे पांच साल का कामकाज उनका राजनीतिक भविष्य को तय करने वाला होगा।
कांग्रेस को मिला गोदियाल जैसा मुखर वक्ता
करन अपने 35 मिनट के धाराप्रवाह भाषण से समारोह में मौजूद अधिकांश लोगों को प्रभावित करने में कामयाब रहे। बड़े नेताओं की बोझिल तारीफ के बाद जब उन्होंने भाजपा पर प्रहार और अपनी भावी रणनीति पर बोलना शुरू किया तो लोग उन्हें गंभीरता से सुनने लगे। इससे पहले पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल के भाषण के दौरान ही लोगों में गंभीरता दिखी थी।
बगावती तेवर दिखाने वालों पर फूटा नेताओं का गुस्सा, कहा, इस्तीफा देकर लड़े चुनाव
कांग्रेस को बगावती तेवर दिखाने वाले नेताओं के प्रति भी कांग्रेस नेताओं का गुस्सा फूटा। हरिद्वार से आए राजेंद्र चौधरी ने कहा कि एक विधायक के टिकट पर चुनाव जीते। आज कहते है कि सम्मान नहीं मिल रहा। भाजपा के सीएम के लिए सीट छोड़ने के बयान दे रहे हैं। ऐसे लोगो को कतई बर्दास्त न किया जाय।
ऐसे नेताओं के लिए कांग्रेस के दरवाजे पर कुंडी लगा दी जानी चाहिए। गणेश उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस के विरोध में बोल रहे नेताओ को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। यदि हिम्मत है तो इस्तीफा देकर चुनाव लड़कर दिखाएं। उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस को एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने कहा कि नवनियुक्त अध्यक्ष करण माहरा को अनुशासन पर विशेष फोकस रखना होगा।बड़े नेता यदि अनुशासन तोड़े तो उन पर भी करवाई हो। महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश प्रभारी नेताओं की मेरिट तैयार कर रहे हैं, कभी कार्यकर्ताओं की तैयार कर दें। कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम करता रह जाता है और चाटूकार टिकट पा जाते हैं। शर्मा ने अपराधिक चरित्र नेताओं को भी संगठन में कोई पद न देने की मांग की।
रावत जी, वीरेंद्र जाति का नाम क्यों न ले रे
पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाषण के दौरान युवा नेताओं का जिक्र किया। इस पर झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाति का नाम न आया देख उनके समर्थक संजीव प्रधान बिफर गए। अपनी सीट से खड़े होकर उन्होंने सीधा रावत से कहा, क्यों वहां वीरेंद्र जाति भी तो हैं। उसका नाम क्यों न ले रे आप? यह सुन एक बार को रावत भी सकपका गए। फिर उन्होंने जाति को भी युवा प्रतिभा बताया।
शहीद स्थल पर शहीदों को दी श्रद्धाजंलि
पदभार ग्रहण करन के बाद माहरा ने शाम को कचहरी स्थित शहीद स्थल पर राज्य आंदोलनकारी शहीदों को श्रद्धाजंलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने का प्रयास ही उनकी प्राथमिकता होगी। इस मौके पर मथुरादत्त जोशी, जोत सिंह बिष्ट, अमरजीत सिंह, गोदावरी थापली, गरिमा महरा दसौनी आदि भी मौजूद रहे।
हर फैसला सामुहिक राय से लिया, मनमानी नहीं: देवेंद्र यादव
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि टिकट वितरण, चुनावी रणनीति और शीर्ष पदों पर चयन एक निश्चित प्रक्रिया के अनुसार किया गया है। हाईकमान के फैसले के बाद ही अंतिम निर्णय किए गए। खुद पर मनमानी करने के आरोपों को देवेंद्र ने गलत बताया। मालूम हो कि प्रदेश प्रभारी को कांग्रेस का एक गुट खलनायक की तरह प्रचारित कर रहा है। पूर्व विधायक मनोज रावत, हीरा सिंह बिष्ट, जीतराम, सूर्यकात धस्माना,मनमोहन मल्ल, जोत सिंह, सतपाल ब्रह्मचारी,राजेश रस्तोगी, अजय सिंह, अवधेश पंत, संजय किशोर, खलील खान, प्रदीप जोशी, आनंद बहुगुणा आदि मौजूद रहे।