चारधाम: कर लें यह काम नहीं तो कैसे कर पाएंगे यात्रा…होटलों-टैक्सियों की बुकिंग फुल

Manthan India
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चारों धामों में रात में सिर्फ 24 हजार तीर्थयात्रियों के रुकने की व्यवस्था है। इस बार यात्रा में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। ऐसे में बिना टैक्सी बुकिंग के पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को रात के समय रुकने की दिक्कत आ सकती है। चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को बुकिंग देखकर आने में सुविधा मिलेगी।बदरीनाथ धाम में एक दिन में सात हजार यात्री ही रुक सकते हैं। हालांकि यात्रा मार्ग के आस पास पांडुकेश्वर, जोशीमठ, पीपल कोटी में तीन से चार हजार यात्रियों के रुकने की व्यवस्था है। बदरीनाथ धाम में होटलों, लॉज, धर्मशालाओं के लिए मई, जून महीने के लिये 80 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है। हेमकुंड यात्रा मार्ग के गोविन्द घाट के होटलों में अभी तक 60 प्रतिशत बुकिंग हुई है।

बदरीनाथ में अभी तक पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई है। हालांकि बिजली व्यवस्था ठीक है। पार्किंग को लेकर गोविन्द घाट के साथ ही जोशीमठ, पीपलकोटी, गौचर में भी अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।केदारनाथ धाम में रात में रुकने की सरकारी व्यवस्था पांच हजार के करीब है। प्रशासन पांच हजार ही प्राइवेट व्यवस्था का दावा कर रहा है।इस तरह कुल दस हजार लोगों के रात में रुकने की व्यवस्था का दावा किया जा रहा है। यहां बिजली का सप्लाई सिस्टम अस्थायी रूप से चल रही है। 20 अप्रैल तक सप्लाई सिस्टम पूरी तरह ठीक किए जाने का दावा किया जा रहा है। गंगोत्री धाम में 5000 और यमुनोत्री धाम में 2000 यात्री ही रात में रुक सकते हैं। यहां मई और जून के लिए होटलों की 80 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है। वाहनों की पार्किंग के लिए जानकी चट्टी में पार्किंग का निर्माण चल रहा है।

गंगोत्री धाम में पार्किंग की व्यवस्था पूर्व की ही है। यात्रा रूट बड़कोट समेत कई अन्य स्थानों पर पानी की दिक्कत बनी हुई है। बड़कोट में पार्किंग की भी बड़ी दिक्कत है। कमिश्नर सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि यात्रा शुरू होने से पहले सभी इंतजाम पूरे हो जाएंगे। इसके लिए विभागों को युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

‘चारधाम यात्रा का किराया मेले के नाम पर बढ़ा देंगे’
चारधाम यात्रा किराया बढ़ोतरी पर रोक से बस कंपनियों में आक्रोश है। कंपनियों के प्रतिनिधियों का कहना है कि यदि सरकार किराया नहीं बढ़ाती है तो कंपनियां मेले के नाम पर यात्रा का किराया बढ़ाएंगी।  किराये में कम से कम 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी होनी चाहिए।

बस कंपनियां इस बार किराया बढ़ाने की तैयारी में थीं, लेकिन देहरादून आरटीओ ने किराया बढ़ाने पर रोक लगा दी है। इससे परिवहन कारोबारियों में आक्रोश है।  टीजीएमओ के सचिव हिम्मत सिंह रावत का कहना है कि मेला और विशेष परिस्थितियों में कंपनियों को किराया बढ़ाने का अधिकार है। यदि सरकार किराया नहीं बढ़ाती है तो हम चारधाम यात्रा को दो महीने का मेला मानते हुए किराया बढ़ाएंगे।उधर, यातायात और पर्यटन विकास सहकारी संघ ने परिवहन आयुक्त को पत्र भेजा है। संघ ने चारधाम यात्रा किराया में 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी की मांग की है।  सचिव जसपाल सिंह भंडारी और नवीन चंद ने बताया कि किराया बढ़ना चाहिए।

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