जिससे इलाज करा रहे हैं कहीं वह डॉक्‍टर फर्जी तो नहीं? ये खबर पढ़कर सकते में आ जाएंगे आप

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बीएएमएस की फर्जी डिग्री लेकर क्लीनिक चला रहे चार झोलाछापों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सूत्रों की मानें तो आरोपित देहरादून जिले में ही अलग-अलग जगह क्लीनिक खोलकर आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे थे।

हालांकि, आधिकारिक तौर पर पुलिस ने अभी गिरफ्तारी नहीं दर्शायी है। एसएसपी शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का पर्दाफाश कर सकते हैं।

इससे पहले एसटीएफ दो झोलाछाप सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिसमें तीसरा आरोपित मुजफ्फरनगर का कालेज संचालक इमरान है। जबकि उसका भाई इमलाख फरार चल रहा है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को रिपोर्ट भेजी

दूसरी ओर बीएएमएस की डिग्री के जरिए भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में पंजीकरण कराकर प्रेक्टिस कर रहे गैंग के खिलाफ जिला पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को रिपोर्ट भेजी है।

एसपी क्राइम सर्वेश पंवार ने बताया कि चिकित्सकों को आठ-आठ लाख रुपये देकर डिग्री बेचने वाले मुजफ्फरनगर के कालेज संचालक हिस्ट्रीशीटरी इमलाख व उसके भाई इमरान निवासी मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश ने करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाई हुई है।

उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया कि करीब 100 बीघा जमीन में आरोपितों का कालेज है। इससे संभावना है कि आरोपितों ने इस तरह अन्य राज्यों भी फर्जीवाड़ा किया है। इसलिए इस केस में जांच के लिए ईडी को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है।

दूसरी ओर पुलिस फरार चल रहे आरोपित इमलाख का लुक आउट सर्कुलर जारी करने जा रही है। आरोपित के विदेश भागने की संभावना है। इसलिए पुलिस ने पहले ही लुक आउट नोटिस की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा पुलिस फरार चल रहे आरोपित इमलाख पर इनाम घोषित करने जा रही है।

आरोपित किए गिरफ्तार

नेहरू कॉलोनी पुलिस के अनुसार कुमार काला व अजय कुमार काला दोनों भाई निवासी शिवलोक कालोनी रायपुर, मनोज सिह नेगी निवासी अपर तुनवाला और अनुराग नौटियाल निवासी रांझावाला को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार ये सब फर्जी डिग्री के आधार पर क्लिनिक खोलकर बैठे थे और रायपुर क्षेत्र के तुनवाला और रांझावाला में क्लिनिक चला रहे थे।

पुलिस ने आरोपित इमरान से जेल में की पूछताछ

एसपी क्राइम सर्वेश पंवार गिरफ्तार किए गए आरोपित इमरान से पूछताछ करने के लिए सुद्धोवाला जेल गए और करीब एक घंटे तक उससे पूछताछ की। इमरान से पूछताछ के लिए पुलिस ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पुलिस जेल पहुंची और पूछताछ की। बताया जा रहा है कि आरोपित ने पुलिस को काफी जानकारी दी है।

एसटीएफ ने किया था गिरोह का पर्दाफाश

उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आयुर्वेद डाक्टर की फर्जी डिग्री बनवाकर दून में क्लीनिक चला रहे दो आरोपितों को बीते 11 जनवरी को गिरफ्तार किया था।

जांच में सामने आया कि झोलाछापों ने मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप आफ कालेज के स्वामी दो भाइयों से आठ-आठ लाख रुपये में फर्जी डिग्री तैयार करवाई और भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में पंजीकरण करा लिया। इसके बाद आरोपितों ने दून के प्रेमनगर और रायपुर में क्लीनिक खोल दिए।

प्रारंभिक जांच में आयुर्वेदिक चिकित्सक बनकर क्लीनिक चला रहे 36 आरोपितों के संबंध में चिकित्सा परिषद से सूचना मांगी गई तो ज्यादातर की डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी कर्नाटक की पाई गई, जो कि पड़ताल में फर्जी निकली। जिन्हें बाबा ग्रुप आफ कालेज मुजफ्फरनगर के स्वामी इमरान और इमलाख ने तैयार कराई थी।

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