मसूरी में लंढौर चौक से कोहिनूर बिल्डिंग तक करीब 100 मीटर सड़क का हिस्सा पिछले 30 साल से धंस रहा है, जिस पर अभी तक शासन-प्रशासन के स्तर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
मसूरी के उपजिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने लंढौर क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि क्षेत्र में जमीन धंसने के कारणों का पता लगवाया जाएगा। साथ ही व्यवस्थित उपचार की व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में रिपोर्ट जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी। इस क्षेत्र की विज्ञानियों की टीम से पूरी जांच करवाई जाएगी।
पिछले करीब 30 साल से लंढौर क्षेत्र में धंस रही सड़क
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मानें तो पिछले करीब 30 साल से लंढौर क्षेत्र में सड़क धंस रही है। हर बार जब नगर पालिका के चुनाव होते हैं तो यहां सीसी सड़क निर्माण कराया जाता है। सड़क क्यों धंस रही है, यह जानने की किसी ने कोशिश नहीं की है। उनका कहना है कि मसूरी के लंढौर बाजार के साउथ रोड क्षेत्र में लगातार नए भवन बनाए जा रहे हैं।
भवन निर्माण के लिए लोग जमीन की खोदाई कर रहे हैं, जिसे शीघ्र रोका जाना चाहिए, नहीं तो लंढौर बाजार में भी जोशीमठ जैसे हालात पैदा होने में देर नहीं लगेगी। दरअसल, लंढौर बाजार क्षेत्र के में अधिकांश पुराने बहुमंजिला भवन हैं। जिनके कई मालिक हैं, जिस कारण इनकी मरम्मत नहीं हो पा रही है। एमडीडीए के कानून भी इन पुराने बहुमंजिला भवनों की मरम्मत में बाधा बने हुए हैं।
नगर पालिका अपने स्तर से कराएगी भूधंसाव की जांच
नगर पालिका परिषद मसूरी ने अपने स्तर से भूधंसाव की जांच करवाने का निर्णय लिया है। नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि नगर पालिका के अभियंता के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच करवाएगी जाएगी। लंढौर बाजार क्षेत्र में धंस रही सड़क के कारणों का पता लगाने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही इसके उपचार के लिए भी ठोस व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने शहरवासियों से भी अवैध रूप से भूखोदान या भूकटान न करने की अपील की है।