
शिक्षा विभाग ने 16 अधिकारियों की पदोन्नति की, लेकिन एक महीने बाद भी इन अधिकारियों को नए पद पर तैनाती नहीं मिल पाई है। यह हाल तब है जबकि विभाग ने छह जिलों में खंड शिक्षा अधिकारियों को उनके मूल पद के बजाय जिलों का प्रभार दिया है। वहीं पदोन्नत होकर उप निदेशक बने अधिकारियों को विभाग दरकिनार किए हुए है। जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
शासन ने 30 नवंबर 2022 को आदेश जारी कर 16 खंड शिक्षा अधिकारियों की उप निदेशक के पद पर पदोन्नति की। आदेश में कहा गया कि पदोन्नति के बाद पदोन्नति के पद पर तैनाती का आदेश अलग से जारी किया जाएगा, लेकिन विभाग में बीईओ से उप निदेशक बने शिव प्रसाद सेमवाल, रमेश चंद्र पुरोहित, प्रदीप कुमार, आशुतोष भंडारी, धर्म सिंह, राय सिंह रावत, उमा पंवार, हेमलता भट्ट, अत्रेश सयाना, अशोक कुमार गुसाई, राजेंद्र सिंह डंडरियाल, कमला बड़वाल, हरक राम कोहली, दलेल सिंह, नागेंद्र बर्त्वाल व राजवीर सिंह सविता को पदोन्नति के पद पर तैनाती नहीं मिल पाई है, जबकि प्रदेश के छह जिलों देहरादून, पिथौरागढ़, चंपावत, हरिद्वार, अल्मोड़ा और चमोली में खंड शिक्षा अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार संभाले हुए हैं।
तीन जिलों में उप निदेशक बने हैं सीईओ
शिक्षा विभाग में तीन जिलों चंपावत, हरिद्वार और नैनीताल में उप निदेशक स्तर के अधिकारियों को मुख्य शिक्षा अधिकारी बनाया गया है जबकि मुख्य शिक्षा अधिकारी का पद संयुक्त निदेशक के स्तर का पद है।
बीईओ के 28 और उप शिक्षा अधिकारी के 60 पद खाली
शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारियों के 28 और उप शिक्षा अधिकारियों के 60 पद खाली हैं। बीईओ को उनके मूल पदों पर न भेजने से भी यह स्थिति बनी है। जिन अधिकारियों की पदोन्नति हुई है, उनकी तैनाती के लिए विभाग से फाइल तबल की गई है। जिलों का प्रभार देख रहे सभी बीईओ को अब उनकी मूल तैनाती पर भेजा जाएगा। हम 16 उप शिक्षा अधिकारियों की भी पदोन्नति करने जा रहे हैं। कुछ उप निदेशकों को डायट प्राचार्य के पद पर तैनाती दी जाएगी।