मालिश के बहाने कुकर्म करने की कोशिश के आरोपी पूर्व मंत्री डॉ. विनोद आर्य की गिरफ्तारी पीड़ित के कोर्ट में दिए बयान के बाद अटक गई है। दरअसल कोर्ट में दिया गया गया एफआईआर में दर्ज कराए गए आरोपों से मेल नहीं खाता। पुलिस अब कोर्ट से मिली धारा 164 के तहत नौकर के बयानों की प्रमाणित कॉपी का परीक्षण कर रही है, , ताकि हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस की किसी तरह की फजीहत न हो। ठोस सुबूतों और बयान के आधार पर ही डॉ. विनोद आर्य की गिरफ्तारी हो सकती है।
नौकर ने बुधवार को कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराए। बयान दर्ज कराने के दौरान नौकर ने सिर दर्द होने की बात कहते हुए कुछ समय मांगा और कोर्ट से बाहर आ गया। कुछ घंटे बाद दोबारा पुलिस ने उसे जज के सामने पेश किया। उसकी हरकत को देख पुलिस भी दंग रह गई। बताया जा रहा है कि कोर्ट में नौकर के दिए बयानों और आरोपों में विरोधाभास है।ये लगाए थे आरोप