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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर मकान खड़े करने के साथ ही बस्तियां बसा दी गई हैं। विभागों के संयुक्त सर्वे में यह खुलासा हुआ है। अलग-अलग वार्डों में जहां करीब एक हेक्टेयर जमीन पर मकान बने मिले हैं, वहीं छह हेक्टेयर जमीन पर बस्तियां भी बसाई गई हैं। सर्वे फिलहाल जारी है।
नगर निगम के राजपुर वार्ड से पार्षद उर्मिला थापा ने हाईकोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके वार्ड के अलावा आसपास की नदी-नालों की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। कोर्ट ने नगर निगम, राजस्व विभाग, एमडीडीए, वन विभाग, सिंचाई समेत समस्त विभागों से इस मामले में जवाब मांगा है। संयुक्त टीम करीब 35 हेक्टेयर सरकारी जमीन का सत्यापन कर रही है। इनमें से 24 हेक्टेयर भूमि का सत्यापन हो चुका है। इसमें से करीब एक हेक्टेयर भूमि पर आवासीय और कॉमर्शियल भवन बने मिले हैं। सरकारी जमीन पर यह अवैध निर्माण अलग-अलग वार्डों में हुए हैं। छह हेक्टेयर जमीन पर बस्तियां बसी हैं। विभिन्न विभागों की ओर से जवाब दाखिल होने के बाद कोर्ट के स्तर से इस मामले में निर्णय होगा।
कई भवनों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
सरकारी जमीनों पर आवासीय और कॉमर्शियल भवनों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। बड़ा सवाल यह है कि बिना नक्शा पास किए यह भवन कैसे बने। बस्तियों में भी पक्के मकानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसे लेकर देहरादून के नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कहा कि देहरादून शहर में नगर निगम, राजस्व समेत तमाम विभाग सरकारी जमीनों का सत्यापन करवा रहे हैं। इसमें जहां भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे मिले हैं, उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। आगे कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी जमीनों पर आवासीय और कॉमर्शियल भवनों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। बड़ा सवाल यह है कि बिना नक्शा पास किए यह भवन कैसे बने। बस्तियों में भी पक्के मकानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसे लेकर देहरादून के नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कहा कि देहरादून शहर में नगर निगम, राजस्व समेत तमाम विभाग सरकारी जमीनों का सत्यापन करवा रहे हैं। इसमें जहां भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे मिले हैं, उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। आगे कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।