बिजली कटौती के लिए हो जाएं तैयार, केंद्रीय पूल की यूपीसीएल को पड़ी मार

Manthan India
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केंद्र के नए नियमों ने ऊर्जा निगम मैनेजमेंट की नींद उड़ा दी है। अब उत्तराखंड को केंद्र से उधारी में कोई बिजली नहीं मिलेगी। तय समय के भीतर बिजली का भुगतान न करने पर पहले एनर्जी एक्सचेंज से बिजली खरीदने पर रोक लगेगी। उसके बाद केंद्रीय कोटे से मिलने वाली बिजली नहीं मिलेगी। ऐसा हुआ, तो राज्य में भविष्य में बिजली का संकट भी गहरा सकता है।

उत्तराखंड को अभी केंद्रीय पूल से न्यूनतम 14 मिलियन यूनिट से लेकर अधिकतम 23 एमयू तक बिजली मिलती है। जो राज्य की कुल जरूरत का 30 से 45 प्रतिशत तक रहता है। शेष बिजली यूपीसीएल बाजार और यूजेवीएनएल से जुटाता है। अब केंद्र और बाजार से मिलने वाली बिजली के लिए शर्ते कड़ी कर दी गई हैं।

यूपीसीएल को एनटीपीसी, एनएचपीसी समेत केंद्र सरकार की कई अन्य एजेंसियों से भी बिजली मिलती है। इन एजेंसियों से मिलने वाली बिजली का भुगतान अब बिल्कुल तय समय पर करना होगा। 15 दिन तक भुगतान न करने पर यूपीसीएल एक्सचेंज में बिजली खरीद को बिड नहीं डाल पाएगा। इसके बाद भी भुगतान न करने पर यूपीसीएल एक्सचेंज में प्रतिबंधित हो जाएगा। फिर केंद्र से मिलने वाला कोटा बंद हो जाएगा।

तो राज्य में ठप हो सकती है सप्लाई: उत्तराखंड को यदि केंद्रीय पूल और एनर्जी एक्सचेंज से बिजली न मिले, तो राज्य का पावर सप्लाई सिस्टम पूरी तरह ठप हो जाएगा। क्योंकि राज्य की प्रतिदिन की कुल जरूरत न्यूनतम 35 एमयू से लेकर अधिकतम 50 एमयू तक पहुंच जाती है। इस मांग का एक बड़ा हिस्सा केंद्र और बाजार से ही पूरा होता है। जो न मिलने से राज्य में बिजली का संकट गहरा सकता है।

केंद्र ने केंद्रीय बिजली एजेंसियों को बिजली के भुगतान को लेकर मानक सख्त कर दिए हैं। अब भुगतान में देरी होने पर केंद्रीय पूल से मिलने वाली बिजली पर भी रोक लगाने का नियम बना दिया है। उत्तराखंड की बिजली सप्लाई बाधित न हो, इसके लिए हर हाल में समय पर भुगतान सुनिश्चित कराया जा रहा है।
अनिल कुमार, एमडी यूपीसीएल 

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