देश व समाज सेवा के लिए प्रशासनिक सेवा एक बेहतर विकल्प है, यही सोच लेकर पीसीएस अधिकारी नीलू वर्मा ने 2018 में भरसार विश्विद्यालय में बतौर वित्त अधिकारी निुयक्ति ग्रहण की।
कोषाधिकारी के पद पर हैं तैनात
वर्तमान परिेपक्ष्य में लैंसडौन कोषागार में कोषाधिकारी के पद पर तैनात नीलू वर्मा पेंशनर्स की समस्याओं के निस्तारण समेत वित्त से जुड़ें कार्यों को समय से पूरा करके अपने कर्तव्यों को बखूबी अंजाम दे रही है।
चुनौती से मुकाबला करना ही जिंदगी
यही नहीं विभागीय कार्यों के बीच कोषाधिकारी नीलू वर्मा ने स्टाफ की कमी को भी आड़े नहीं आने दिया। हर रोज एक सा नहीं होता, सकारात्मक दूष्टिकोण के साथ चुनौती से मुकाबला करके आगे बढ़ना ही जिंदगी का असली नाम है। ये मानना है 2012 बैच की पीसीएस अधिकारी नीलू वर्मा का।
प्रशासनिक सेवा को बनाया करियर
हाल ही में वित्त अधिकारी से वरिष्ठ वित्त अधिकारी के पद पर पदोन्नति हुई नीलू वर्मा कोषाधिकारी के रूप में हर पेंशनर्स की समस्याओं को प्राथिमकता से लेती है। नीलू वर्मा का मानना है की प्रशासनिक अधिकारी करियर की दृष्टि से जितना अच्छा विकल्प है, उतना ही आप इससे जुड़कर समाज सेवा भी कर सकते है।
छात्र जीवन में मिली प्रेरणा
देहरादून के एसजीआरआर (SGRR) स्कूल से इंटरमीडिएट करने के बाद नीलू वर्मा ने उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से बीएड और एमएड की परीक्षा उत्तीर्ण की। इस दौरान अपने मित्रों के साथ वह करियर निर्माण को लेकर चर्चा करती रही।
कड़ी मेहनत से मिली सफलता
उन्हें लगा कि करियर की दृष्टि से प्रशासनिक सेवा बेहतर विकल्प होने के साथ समाज सेवा भी जरिया बन सकता है। इसी मंशा के साथ उन्होंने प्रशासनिक सेवा में आने का लक्ष्य तय कर तैयारियां शुरू कर दी। मेहनत का प्रतिफल नीलू राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से 2012 बैच की परीक्षा उत्तीर्ण करके उन्हें मिला।
संगीत के साथ ट्रैकिंग का है शौक
पीसीएस अधिकारी नीलू वर्मा को संगीत का शौक है। वह हर तरह के गाने सुनना पसंद करती है। जबकि अपने ट्रैकिंग के शौक को जारी रखते हुए वह लैंसडौन तहसील के भैरवगढ़ी मंदिर समेत देहादून सहस्रधारा के भी कई ट्रैक कर चुकी है। जबकि नियमित रूप से कुकिंग करने के साथ उन्हें साउथ इंडियन खाना पसंद है। वह नियमित रूप से अपने पढ़ने के शौक को भी जारी रखे हुए है।इसलिए पेंशनर्स समेत वित्त से जुड़ी समस्याओं का निस्तारण वे निर्धारित समय से पूर्व करने का प्रयास तो करती ही है, साथ ही पीसीएस की तैयारियों में जुटे युवाओं का भी वे मार्गदर्शन कर रही है।
घर व दायित्व के बीच सांमजस्य से करती हैं काम
पीसीएस अधिकारी नीलू वर्मा के पति ऋषिकेश एम्स में चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं। वित्तीय वर्ष के अंतिम चरण यानी मार्च फाइनल के दौरान उन्हें देर रात तक भी अपने कार्यालय में जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है। ऐसे में उन्हें अपने परिवार से पूरा सहयोग मिलता है।वह बताती है कि परिवार की ओर से उन्हें जिंदगी में कभी भी ऐसा महसूस नहीं होने दिया गया कि वह अकेली महसूस करे। उनके पिता का देहरादून में रेस्टोरेंट हैं। जबकि माता गृहिणी है। चार भाई-बहनों में नीलू तीसरे नंबर की है।