अयोध्या से लेकर प्रयागराज तक पांचवें चरण में जिन 61 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होगा, उन पर राजे-रजवाड़ों या राजनीतिक रूप से मजबूत परिवारों का दबदबा रहा है. कुछ सीटों पर कथित ‘बाहुबली’ नेताओं के प्रभाव भी है.पांचवें चरण की जिन 61 विधानसभा सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होने हैं, पिछले विधानसभा चुनाव में उनमें से 51 सीटों पर बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने जीत हासिल की थी लेकिन 2022 में स्थितियां बदल गई हैं |
2017 में समाजवादी पार्टी को इस चरण में सिर्फ पांच सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस पार्टी को एक सीट हासिल हुई थी. दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी जिनमें से एक सीट प्रतापगढ़ जिले की बहुचर्चित सीट कुंडा भी है जहां से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पिछले कई साल से लगातार विधायक रहे हैं. बीएसपी को साल 2017 में इस चरण में एक भी सीट नहीं मिली थी.
राजा भैया को चुनौती प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से राजा भैया इस बार निर्दलीय की बजाय अपनी पार्टी जनसत्ता दल से चुनाव लड़ रहे हैं. राजा भैया अब तक निर्विरोध भले ही जीतते आए हैं लेकिन इस बार उनकी लड़ाई आसान नहीं दिख रही है.