मार्च आधा बीत चुका है और अब मौसम में बदलाव साफ नजर आ रहा है। गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इसके चलते राज्य में जल्द ही पानी की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस बीच चिंता की बात ये है कि वर्तमान में राज्य के लगभग 100 शहरों में पानी की सप्लाई, डिमांड के मुकाबले काफी कम है।
जल संस्थान के प्रोडक्शन सप्लाई डाटा के अनुसार, इन शहरों में पानी की कुल डिमांड 833.77 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) है। इसके सापेक्ष सरकारी तंत्र सिर्फ 649.86 एमएलडी पानी की ही सप्लाई कर पा रहा है। इसमें भी अधिकतर शहर ऐसे हैं, जहां तय मानक 135 एलपीसीडी से भी कम पानी मिल रहा है। इससे साफ है कि इन शहरों में रहने वालों को गर्मियों में पानी के संकट से दो-चार होना पड़ेगा।
रुद्रप्रयाग:एक भी शहर में पर्याप्त पानी नहीं-जनपद में पांच शहर केदारनाथ, अगस्त्यमुनि, तिलवाड़ा, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग हैं। इन शहरों की कुल आबादी 40 हजार व पानी की मांग करीब 7.52 एमएलडी है। जल संस्थान यहां सिर्फ 4.14 एमएलडी पानी ही सप्लाई कर पा रहा है। इन पांच शहरों में एक भी ऐसा नहीं है, जहां पानी की सप्लाई तय मानक के अनुरूप हो रही हो। सबसे अधिक पानी की सप्लाई 116 एलपीसीडी केदारनाथ में ही हो पा रही है।
हरिद्वार: पानी के लिए तरसते नौ शहर-जिले के 12 शहरों में से महज तीन-हरिद्वार, लंढौरा व झबरेड़ा में मानक के अनुरूप पानी सप्लाई हो रहा है। शेष नौ शहरों में पानी मानक से बहुत कम दिया जा रहा है। हालांकि ढंढेरा, पाडलीगुज्जर और इमलीखेड़ा में वाटर सप्लाई बढ़ाने को जल जीवन मिशन के तहत योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
उत्तरकाशी:पालिका को छोड़ कहीं पर्याप्त पानी नहीं-उत्तरकाशी जिले में सिर्फ उत्तरकाशी नगर पालिका क्षेत्र ही ऐसा है, जहां मानक के अनुरूप पानी उपलब्ध है। इसके अलावा अन्य पांच शहरों के लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। जिले के सभी छह शहरों को पानी की डिमांड 15.83 एमएलडी व सप्लाई 8.90 एमएलडी हो रहा है। नौगांव नगर पंचायत क्षेत्र में सबसे कम पानी सप्लाई हो रहा है। यहां 24 एलपीसीडी दर से पानी दिया जा रहा है।