उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तर और सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में आयोग की ओर से विजिलेंस को अभिलेख देने में आनकानी की जा रही है। ऐसे में विजिलेंस की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। दोनों परीक्षाओं में पूर्व सचिव संतोष बडोनी व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।
अभिलेख न मिलने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही जांच
ऐसे में पूर्व में मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए शासन को पत्र लिखा था। शासन की ओर से विजिलेंस को जांच तो सौंपी गई, लेकिन पूरे अभिलेख न मिलने के कारण जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। बताया जा रहा है कि तीन अनुभाग अधिकारियों ने अभिलेख उपलब्ध करवा दिए हैं। दो अनुभाग अधिकारियों ने अभी उपलब्ध नहीं कराए हैं।
पांच अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही विजिलेंस
मंगलवार को भी विजिलेंस की टीम आयोग पहुंची और अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि अभिलेख गोपनीय हैं, ऐसे में शासन से अनुमति लेने के बाद ही वह प्रस्तुत कर सकेंगे। पेपर लीक प्रकरण में पूर्व सचिव व परीक्षा नियंत्रक सहित पांच अधिकारियों की भूमिका की जांच विजिलेंस कर रही है।
भुगतान नियमों के मुताबिक हुआ या नहीं जांच कर रही
विजिलेंस इसकी भी जांच कर रही है कि वर्ष 2015 से 2022 तक आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस को परीक्षा के लिए करीब 22 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ, यह नियमों के मुताबिक हुआ या नहीं। इसके अलावा लगातार सात साल एक ही कंपनी को परीक्षा का जिम्मा सौंपा गया, इसके पीछे के कारणों की जांच भी की जा रही है।