अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पहाड़ी जिले पौड़ी के श्रीकोट गांव में रहती थी। यह गांव जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी की दूरी पर स्थित है और मुख्य मार्ग से गांव के लिए कच्ची सड़क जाती है। अंकिता के गांव में बस 12 परिवार रहते हैं।
मृतका अंकिता भंडारी के घर पहुंचने के लिए आधा किमी का पैदल सफर तय करना पड़ता है। जिस स्थान पर अंकिता का घर है वह श्रीकोट गांव का एक तोक है। ग्रामीण बृजमोहन असवाल ने बताया कि मौजूदा समय में उस तौक में करीब 12 परिवार रहते हैं। श्रीकोट गांव के सामने ही घना जंगल भी है, जहां जंगली जानवरों का भय भी बना रहता है।
काफी व्यवहारिक व मिलनसार थी अंकिता
- अंकिता ने 12 वी कक्षा पौड़ी के बीआर मार्डन स्कूल से वर्ष 2020 में उत्तीर्ण की थी।
- इसके बाद उसने देहरादून से होटल मैनेजमेंट किया।
- अंकिता पढ़ने में अच्छी थी और काफी व्यवहारिक व मिलनसार भी थी।
- बृजमोहन असवाल बताते हैं कि मृतका अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी घर में खेती व मां आंगनबाड़ी में कार्य कर अपने घर का खर्चा चलाते हैं।
- अंकिता के घर पर मां, पिता, दादी के अलावा भाई सचिन है।
- जब अंकिता की रिसॉर्ट में नौकरी पर लगी तो उन्हें उम्मीद थी कि घर के दिन बहुरेंगे, लेकिन इससे पहले ही हत्यारों ने अंकिता को मार दिया।
- अंकिता ने 28 अगस्त 2022 को वनन्तरा रिसॉर्ट में नौकरी ज्वाइन की थी।
- रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्या और उसके दो साथियों ने 18 सितंबर 2022 को उसे दर्दनाक मौत दी।
- अंकिता अपने पिता के हाथों में पहली सैलरी भी नहीं दे पाई।
- पोस्टमार्टम के मुताबिक पहले अंकिता के साथ बुरी तरह मारपीट की गई।
- उसके बाद उसे नजर में फेंक दिया गया।
- मासूम अंकिता बचाने की गुहार लगाती रही, लेकिन आरोपित पुलकित, अंकित और सौरभ जाम छलकाते रहे।
- आरोपितों को पुलिस ने 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था।
- 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद कर लिया गया।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश के बाद मामले की जांच एसआइटी को सौंपी गई है।
गांव में गम का माहौल, हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग
हत्यारों द्वारा अंकिता को मार दिए जाने के बाद जहां गांव में गम का माहौल है तो वहीं हर कोई हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहा है। अंकिता की मां सोनी देवी बेसुध हैं और पिता वीरेन्द्र सिंह इंसाफ की मांग कर रहे हैं।
घटना के बाद से गांव में भाजपा व कांग्रेस के नेताओं का जमावड़ा लगा है। ग्राम प्रधान उर्मिला देवी असवाल के मुताबिक गांव से रोजगार के अभाव में पलायन भी हुआ है।