दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में नामजद जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध शासन से अभियोजन अनुमति मिलने के बाद एसआइटी चार्जशीट की तैयारी में जुट गई है।
इसके लिए एसपी सिटी ने एसआइटी को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही 12 केसों में भी अभियोजन चलाने की अनुमति शासन से एसआइटी को मिल जाएगी।
एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों को मिलने वाली दशमोत्तर छात्रवृत्ति में वर्ष, 2011-12 में मिली अनियमितता के बाद एसआइटी जांच शुरू कर दी थी। पहले चरण में बाहरी राज्यों के 303 शैक्षिक संस्थान और उनमें अध्ययनरत छात्रों की जांच की गई।
इस दौरान मिले साक्ष्य के बाद एसआइटी ने जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता और खटीमा में 60 केस दर्ज किए थे। साथ ही 24 से अधिक बिचौलिए, शिक्षक और जिला समाज कल्याण के अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।इस दौरान भ्रष्टाचार अधिनियम में सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ विवेचना और चार्जशीट के लिए शासन से अभियोजन चलाने की अनुमति ली गई थी। जिस पर पटल सहायक शिवमूर्ति, समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर, सहायक समाज कल्याण अधिकारी हरीश नाथ गोस्वामी, समाज कल्याण अधिकारी हरीश चंद्र राणा, पटल सहायक राजेन्द्र कुमार, सहायक समाज कल्याण अधिकारी जगमोहन सिंह पपोला, करम सिंह राणा समेत 9 लोगों के विरुद्ध अभियोजन चलाने की अनुमति शासन से मिल गई है।
एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि 9 अधिकारी और कर्मचारियों पर अभियोजन चलाने की अनुमति मिल गई है। चार्जशीट की तैयारी की जा रही है, जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।
12 केसों पर अभियोजन अनुमति का इंतजार
एसआइटी ने जिले में 60 मुकदमे कायम कराए थे। जिसमें से 39 में एसआइटी पूर्व में ही न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। 21 केसों पर चार्जशीट दाखिल करने से पहले शासन से अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी गई थी। जिस पर 9 केसों में अभियोजन चलाने की अनुमति मिल गई है। अब एसआइटी को शासन स्तर से 12 केसों पर अभियोजन चलाने के लिए अनुमति का इंतजार है।