उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने वर्ष 2016 के बाद विधानसभा में हुई सभी 250 बैकडोर भर्तियों को निरस्त कर दिया है। फैसले की जद में कुल 228 कर्मचारी आ रहे हैं। इसके अलावा उपनल के जरिए नियुक्त 22 कर्मचारियों की नियुक्ति भी रद्द कर दी गई हैं। मामले में विधानसभा के सचिव मुकेश सिंघल को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
शुक्रवार को विधानसभा में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में स्पीकर ऋतु खंडूडी ने कहा कि बैकडोर भर्ती की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति ने गुरुवार देर रात उन्हें अंतिम रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट की संस्तुति के अनुसार वह 2016 के बाद की गई सभी तदर्थ नियुक्तियों को रद कर रही हैं।
सरकार जारी करेगी भर्ती रद करने का आदेश खंडूडी ने बताया कि चूंकि इन तदर्थ नियुक्तियों का अनुमोदन शासन के स्तर से हुआ है, इसलिए इस फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए वो शासन को पत्र लिख रही हैं। अनुमोदन मिलने के बाद सभी नियुक्तियां समाप्त कर दी जाएंगी।
विधानसभा के सचिव मुकेश सिंघल निलंबित ऋतु खंडूडी ने बताया कि 32 पदों के लिए चल रही भर्ती में दागी एजेंसी के चयन के मामले में सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
स्पीकर खंडूड़ी ने कहा कि, 2016, 2020 और 2021 में हुई तदर्थ नियुक्तियों में निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया गया। जांच कमेटी ने तत्काल प्रभाव से इन नियुक्तियों को निरस्त करने की सिफारिश की है। इसी क्रम में उन्होंने 2016 की 150 तदर्थ नियुक्तियों के साथ ही 2020 की छह और 2021 की 72 नियुक्तियों को निरस्त करने का निर्णय लिया है। 32 पदों के लिए चल रही भर्ती भी एजेंसी के विवादित होने के कारण निरस्त कर दी गई है।