डीएसबी परिसर में मंगलवार को वोकेशनल एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट कोर्सेस की पाठ्य समिति की बैठक में प्रवेश प्रक्रिया एवं कक्षाओं के संचालन को लेकर निर्णय लिए गए। तय किया गया कि वोकेशनल कोर्स में पंजीकरण 21 से 24 सितंबर जबकि 26 सितंबर से विभिन्न विभागों में व्यावसायिक तथा वोकेशनल पाठ्यक्रमों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
मंगलवार को परिसर निदेशक प्रो. एलएम जोशी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के निदेशक प्रो. पीसी कविदयाल तथा कॉर्डिनेटर डॉ. महेंद्र राणा की ओर से विभागों के लिए समन्वयक नियुक्त किए गए।
इस दौरान नई शिक्षा नीति के तहत संचालित किए जाने वाले व्यावसायिक तथा वोकेशनल कोर्स में प्रवेश तथा कक्षाओं के संचालन को लेकर मंथन किया गया। समन्वयकों की ओर से संबंधित विभागों में सीटों का ब्यौरा दिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि 21 से 24 सितंबर तक परिसर के कला सेमीनार हॉल में रोजाना 11 से 2 बजे तक व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं वोकेशनल कोर्स के लिए पंजीकरण किया जाएगा।
जबकि 26 सितंबर से विधिवत पाठ्यक्रमों का संचालन विभागों में प्रारंभ कर दिया जाएगा। इस अवधि में छात्रों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण कर उपस्थित होना होगा। वोकेशनल व व्यावसायिक पाठ्यक्रम की कक्षाओं में भी छात्रों को उपस्थिति देना अनिवार्य होगा।
इन्हें समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई
वाणिज्य विभाग में पूजा जोशी, वनस्पति विज्ञान में डॉ. कपिल खुल्बे, वन विज्ञान में डॉ. आशीष तिवारी, रसायन विज्ञान में डॉ. मनोज धूनी, कंप्यूटर विज्ञान में डॉ. आशीष मेहता, भू-विज्ञान में डॉ. दीपा आर्या, भौतिक विज्ञान में डॉ. विमल पांडे, जंतु विज्ञान में डॉ. मनोज आर्या, गणित में डॉ. दीपक कुमार, चित्रकला में डॉ. रीना सिंह, अर्थशास्त्र में डॉ. जीतेंद्र लोहनी, भूगोल में डॉ. कृतिका बोरा, हिन्दी में डॉ. मेघा नैनवाल, गृह विज्ञान में डॉ. छवि आर्या, संगीत में डॉ. अशोक कुमार, राजनीति विज्ञान में डॉ. रूचि मित्तल, समाजशास्त्र में डॉ. सरोज पालीवाल, संस्कृत में डॉ. सुषमा जोशी, योगा में डॉ. सीमा चौहान, ई-कॉमर्श में डॉ. विनोद जोशी को वोकेशनल कोर्स का समन्वयक नियुक्त किया गया है।
बेहतर रोजगार को शुरू की गई पहल
वोकेशनल एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट पाठ्यक्रमों की पहल रोजगारपरक शिक्षा दिए जाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। इसके तहत छात्रों को स्नातक स्तर पर मुख्य स्टीम के साथ ही अन्य कोर्स लेने की सुविधा दी गई है। इसमें छात्रों को उनके कक्षा एवं वर्ग से हटकर उनके पसंदीदा पाठ्य सामग्री को पढ़ाया जाएगा। जिससे युवाओं को स्नातक स्तर की पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार के क्षेत्र में भी बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।