अशासकीय विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन ने अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति या चयन प्रक्रिया में सरकार के प्रस्तावित चयन आयोग का कड़ा विरोध किया। रविवार को एसोसिएशन की हिंदू नेशनल इंटर कालेज में प्रबंधक प्रवीण कुमार जैन की अध्यक्षता में बैठक हुई।
सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं का लगाया आरोप
बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया शिक्षकों के चयन या नियुक्ति के मामले में सरकार के दखल का विरोध किया जाएगा। प्रबंधकों ने एक सुर में कहा सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है। जहां उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की भर्ती परीक्षा में व्यापक भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। इसके बावजूद अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए आयोग या एजेंसी गठित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
तीन वर्ष से पांच वर्ष हो समितियों का कार्यकाल
प्रबंधकों ने चेतावनी दी कि अशासकीय विद्यालयों में प्रबंधन तंत्र से नियुक्ति का अधिकार छीने जाने का पुरजोर विरोध किया जाएगा और आवश्यक हुआ तो सरकार के इस मनमाने कदम के खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण ली जाएगी। बैठक में यह भी प्रस्ताव पास किया गया कि अशासकीय विद्यालयों की प्रबंधन समितियों का कार्यकाल तीन वर्ष से पांच वर्ष किया जाए।
अधिकारों को अतिक्रमित किए जाने का प्रयास कर रही सरकार
एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि सरकार अशासकीय स्कूल प्रबंधकों के अधिकारों को अतिक्रमित किए जाने का प्रयास कर रही है। जबकि सरकार इन स्कूलों में केवल शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन अनुदान देती है। कालेज भवन व क्रीड़ा मैदानों का रखरखाव प्रबंधन समितियों की ओर से अपने संसाधनों से किया जाता है। बैठक में एसोसिएशन के संरक्षण चंद्रमोहन पयाल, राजेश सती, उत्तम नेगी, विनीत शर्मा, दीपक पोखरियाल, अशोक जोशी, संजय कुमार जैन आदि मौजूद रहे।