उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की पांच परीक्षाओं को निरस्त करने के निर्णय पर सरकार पुनर्विचार कर रही है। पुलिस रैंकर्स परीक्षा के परिणाम घोषित होने से ये हालात बने हैं। अन्य चार परीक्षाओं के संबंध में भी इसी कारण हर पहलू को खंगाला जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस रैंकर्स परीक्षा मामले में केस टू केस निर्णय लेने के संबंध में सचिव कार्मिक को निर्देश दिए हैं। जिन परीक्षाओं में आवेदन आमंत्रित किए जा चुके हैं तथा कोई परीक्षा आयोजित नहीं हुई है, उन पर मुख्यमंत्री ने आयोग के स्तर पर नियम संगत कार्यवाही कर चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने को कहा है।
वहीं, निरस्त की गईं शेष चार भर्ती परीक्षाओं का यूकेएसएसएससी परीक्षण करेगा। इसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि इन परीक्षाओं के नतीजे घोषित किए जाएं या फिर इन्हें निरस्त कर नए सिरे से परीक्षा कराई जाए।
ये भर्तियां की गई थीं निरस्त
- पुलिस रैंकर्स- 997 पद
- वाहन चालक – 164 पद
- मत्स्य निरीक्षक – 28 पद
- कर्मशाला अनुदेशक – 157 पद
- मुख्य आरक्षी, दूर संचार – 272 पद
कैबिनेट बैठक में लिया गया था परीक्षाएं रद करने का फैसला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बीते शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यूकेएसएसएसी की पांच परीक्षाओं को निरस्त करने का निर्णय लिया गया था। इनमें वाहन चालक, कर्मशाला अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी दूरसंचार पुलिस व रैंकर्स परीक्षा शामिल थीं।
इसका कारण यह था कि ये परीक्षाएं भी दागी कंपनी आरएमएस टेक्नो सोल्युशंस ने कराई थीं। इस कंपनी द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा व सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की बात सामने आ चुकी है। इस बीच रैंकर्स परीक्षा को लेकर पुलिस मुख्यालय ने शासन को पत्र लिखकर इस मामले में पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।
बताया गया कि इस मामले में यूकेएसएसएसी द्वारा नतीजे घोषित कर दिए थे, केवल संस्तुति जारी होनी शेष थी। यह प्रकरण मुख्यमंत्री के समक्ष लाया गया। इसके अलावा अन्य परीक्षाओं को निरस्त करने के फैसले से अभ्यर्थी निराश थे।
मुख्यमंत्री ने इस पर विचार-विमर्श के बाद मुख्य सचिव एसएस संधु और सचिव कार्मिक शैलेश बगोली को इस संबंध में जल्द कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यूकेएसएसएससी की जो परीक्षाएं लोक सेवा आयोग ने करानी हैं, उनके लिए शीघ्र विज्ञापन आमंत्रित कर चयन प्रक्रिया शुरू की जाए।
उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए कि भविष्य में पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण तरीके से चयन प्रक्रिया के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।