हरिद्वार में हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। जितेंद्र त्यागी शुक्रवार को हरिद्वार की एक अदालत में आत्मसमर्पण करने पहुंचे।
आत्मसमपर्ण के बाद कोर्ट के आदेश पर उन्हें अब जिला जेल में शिफ्ट किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई करते हुए रिजवी को कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के आदेश दिए थे। क्योंकि वह सर्शत जमानत पर चल रहे थे और जिसकी समयावधि पूरी हो चुकी है। रिजवी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही सरेंडर करने पहुंचे।
बीते दिनों जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने दावा किया है कि उनकी जिंदगी खतरे में हैं और उन्हें आत्मघाती हमले में मारा जा सकता है। हिंदू धर्म स्वीकार करके जितेंद्र नारायण त्यागी बने आरोपी ने कहा था कि जब वह जेल में थे तो हरिद्वार के ज्वालापुर के कुछ बदमाशों की उनका ‘सर कलम करने’ की योजना बनाई थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि कारागर के सख्त नियमों की वजह से बदमाश सफल नहीं हो पाए।
त्यागी ने कहा कि उन्हें अपने जीवन पर मंडरा रहे खतरे की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह सनातन धर्म में विश्वास करते हैं और अपनी अंतिम सांस तक उसके लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से अधिक आजादी है इसलिए उनका जब भी मन करे, वे हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बोल सकते हैं जबकि उनकी धार्मिक पुस्तकों के बारे में हमारे संकेतों को भी घृणा भाषण बता दिया जाता है।