योगनगरी को मिलेगी नई पहचान, केंद्र ने ऋषिकेश के विकास का प्रस्ताव जर्मन बैंक को भेजा

Manthan India
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योगनगरी ऋषिकेश के विकास के लिए केंद्र सरकार ने जर्मन बैंक केएफडब्ल्यू को प्रस्ताव भेज दिया है। कुल 1600 करोड़ के इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार 80 प्रतिशत और राज्य सरकार 20 प्रतिशत धन देगी। फिलहाल इस प्रोजेक्ट की फंडिंग जर्मन बैंक करेगा, जिसके लिए केएफडब्ल्यू की टीम जल्द ही उत्तराखंड आएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर ऋषिकेश शहर के इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट (एकीकृत विकास) को लेकर वित्त मंत्रालय ने जर्मन फंडिंग एजेंसी केएफडब्ल्यू को 160 मिलियन यूरो यानी करीब 1295 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 200 मिलियन यूरो (करीब 1600 करोड़ रुपये) है। परियोजना के लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार का वित्तीय अनुपात 80:20 होगा। अमर उजाला ने 18 अगस्त के अंक में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी।

मुख्यमंत्री ने जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व विकास हो रहा है। ऋषिकेश में एकीकृत शहरी अवस्थापना विकास परियोजना से विश्व में योग नगरी के रूप में विख्यात ऋषिकेश नगर में स्थानीय नागरिकों एवं पर्यटकों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

यह होंगे विकास कार्य

24 घंटे पेयजल आपूर्ति, पेयजल मीटर, वर्षाजल प्रबंधन व बाढ़ सुरक्षा, सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाएं, स्मार्ट शहरी स्थल (स्मार्ट अर्बन स्पेसेज), परिधान व सामान कक्ष (क्लॉक रूम), प्रतीक्षालय (वेटिंग रूम), घाट और वेंडिंग जोन का विकास, सड़कें और यातायात प्रबंधन भूमिगत उपयोगिता नालिका (अंडरग्राउंड यूटिलिटी डक्ट), नागरिक सुरक्षा और सुविधाओं के लिए एकीकृत नियंत्रण व आदेश केन्द्र (इंटिग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर), स्मार्ट स्तंभ (स्मार्ट पोल) व ऊर्जा बचत के लिए उपकरणों की स्थापना, परिवहन केंद्र, बस टर्मिनल और पार्किंग इत्यादि।

ट्रैफिक का दबाव कम करने को बनेंगे एलिवेटेड रोड
ऋषिकेश में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की भीड़ की वजह से यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होती है। इसके लिए ऋषिकेश में एलिवेटेड रोड बनाई जाएंगी, जिससे ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी।

सुधरेगी ऋषिकेश वासियों की जीवनशैली 
इस परियोजना के पूरा होने पर नागरिक जीवनशैली व जीवन योग्यता मानकों (अर्बन लाइवेबिलिटी स्टैंडर्ड) में बढ़ोतरी होगी। स्थानीय लोगों के व्यापारिक व आजीविका स्तर में सुधार होगा। नागरिकों व पर्यटकों को बेहतर पेयजल और स्वच्छता सुविधाएं मिलेंगी। उनके जीविकोपार्जन की गतिविधियों में इजाफा होगा।

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