उत्तराखंड में जीएसटी चोरी के खिलाफ चल रहे अभियान में अभी तक 964 नॉन एग्जस्टिंग (फर्जी फर्म) पकड़ी जा चुकी हैं। कारोबारियों ने टैक्स चोरी के मकसद से इन फर्मों का गठन सिर्फ कागजों पर किया था। राज्य कर विभाग के सूत्रों के अनुसार इन फर्मों के जरिए कारेाबारी फर्जी आईटीसी क्लेम प्रस्तुत कर टैक्स चोरी कर रहे थे।
राज्य में चल रहे विशेष अभियान के तहत अभी तक 10 करोड़ के करीब की कर चोरी भी पकड़ी जा चुकी है। जीएसटी चोरी के लिए कारोबारी अलग-अलग तरह के तरीके ढ़ूंढ रहे हैं। हालांकि फर्जी फर्म के जरिए टैक्स चोरी के मामले अभी तक सबसे अधिक सामने आए हैं।विदित है कि जीएसटी चोरी रोकने और जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई करने के लिए राज्य सरकार ने सात जुलाई से राज्य में विशेष अभियान शुरू किया था।
इस अभियान के तहत राज्य में केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड दो लाख 9 हजार के करीब कारोबारियों की जांच चल रही है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार इसमें से 65 हजार के करीब कारोबारी ऐसे हैं जिन्होंने जीएसटी रजिस्ट्रेशन तो कराया है लेकिन वह पिछले चार-पांच वर्षों से जीरो रिटर्न दाखिल कर रहे हैं।
राज्य में राजस्व का संकट खड़ा होने के बाद अब विभाग इन कारेाबारियों की कुंडली खंगाल रहा है। इसी जांच के तहत अभी तक 964 ऐसी फर्म सामने आ चुकी हैं जो केवल टैक्स चोरी के मकसद से बनाई गई है। राज्य कर विभाग के आयुक्त और अपर सचिव अहमद इकबाल ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि 964 फर्म नॉन एग्जिस्टिंग पाई गई हैं। विभागीय अफसर अब इनके दस्तावेज भी खंगाल रहे हैं।