पलटन बाजार में बुधवार दोपहर को उस वक्त व्यापारियों में हड़कंप मच गया, जब जीएसटी की टीम दल-बल के साथ सर्वे करने पहुंची। शुरुआत में टीम का विरोध हुआ, लेकिन ज्वाइंट कमिश्नर राकेश वर्मा के मौके पर पहुंचने बाद विरोध करने वाले बैकफुट पर आ गए। ज्वाइंट कमिश्नर ने चेतावनी दी कि दुकान के बाहर बोर्ड पर जीएसटी नंबर नहीं लिखने पर 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। तीन दिन बाद फिर टीम निरीक्षण करेगी।
राज्य कर विभाग की टीमें बाजारों में अभियान चलाकर जागरूक कर रही है। ज्वाइंट कमिश्नर ने इसके बाद घंटाघर से पलटन बाजार, सर्राफा मार्केट, आढ़त बाजार होते हुए लक्खीबाग पुलिस चौकी करीब डेढ़ किमी पैदल बाजार का पैदल निरीक्षण किया। आधे से ज्यादा दुकानों में जीएसटीए नहीं लिखा होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि बाजार की वीडियोग्राफी कराई गई है। तीन दिन बाद फिर चेक किया जाएगा कि निर्देशों का कितना पालन किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पांच साल बाद टीम बाजार में आई है। ऐसे नौबत न आए, इसलिए करदाता ईमानदारी के साथ नियमों का पालन करना सुनिश्चित करें। टीम में डिप्टी कमिशनर अवधेश पांडेय, सौरभ तिवारी व अजय बिरथरे, असिस्टेंट कमिश्नर शशिकांत दूबे, पुष्पेन्द्र चौधरी व कृष्ण कांत पांडेय, राज्य कर अधिकारी अंजू, अलिशा बिष्ट और यतिश सेमवाल आदि शामिल थे।
व्यापारियों ने मांगा रक्षाबंधन तक का वक्त
देहरादून। व्यापार मंडल अध्यक्ष पंकज मैसोन ने ज्वाइंट कमिश्नर राकेश वर्मा के सामने समस्या रखी। उन्होंने बताया कि दुकानों के छज्जे स्मार्ट सिटी ने नहीं लगाए हैं। व्यापारी जीएसटी नंबर बोर्ड पर नहीं लिखवा पा रहे हैं। उन्होंने रक्षाबंधन तक का समय मांगा। इस दौरान पंकज दीदान, रवि मल्होत्रा, मनीष मोनी, मोहमद राशिद, दिव्य सेठी, विनीत मिश्रा, कालू भगत आदि मौजूद रहे। उधर, व्यापारी नेता सुनील कुमार बांगा ने कहा कि पहली बार बाजार में इतनी बड़ी संख्या में जीएसटी अधिकारी फोर्स के साथ पहुंचे। इससे भय का माहौल बनता है। व्यापारी पूरा सहयोग करते हैं। इसलिए विभाग भी व्यापारियों की दिक्कतों को समझे।
ग्राहक बनकर दुकानों में जांच करेंगे जीएसटी अफसर
देहरादून। देहरादून में कई व्यापारी जीरो (निल) रिटर्न भर रहे हैं। कई पंजीकृत व्यापारी कैश लेनदेन का उल्लेख जीएसटी रिटर्न में नहीं दे रहे। इसपर राज्य कर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर राकेश वर्मा ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जीएसटी के अधिकारी अब ग्राहक बनकर दुकानों की जांच करेंगे। बाजार के निरीक्षण के दौरान ज्वाइंट कमिश्नर वर्मा ने कहा कि बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों के बाहर जीएसटी नंबर नहीं लिखा गया है। बिल नहीं देने को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। ऐसे भी मामले देखे जा रहे हैं, जिसमें कैश लेनदेन को जीएसटी के रिटर्न में नहीं दिखाया जा रहा। उन्होंने कहा कि इससे संदेह पैदा होता है। अगर कोई व्यापारी जीएसटी के दायरे में नहीं आ रहा है, लेकिन उसने पंजीकरण कराया है, तो वह अपना लाइसेंस सरेंडर कर दे। उन्होंने कहा कि अब एक टीम बाजार में बिल नहीं देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। यह टीम गोपनीय तरीके से ग्राहक बनकर खरीदारी करने जाएगी। बिल नहीं देने का सबूत जुटाकर जुर्माना लगाने के साथ ही नियमानुसार कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई दुकानदार ग्राहक से जीएसटी ले रहा है तो राजस्व में उसकी अदायगी होनी जरूरी है। ऐसा नहीं करना अपराध है, जिसपर नियमानुसार कार्रवाई होगी