अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा कि पुतिन इस बात को नहीं समझ पा रहे है इस मुद्दे पर नाटो किस कदर पश्चिमी देशों से एकजुट है और यूक्रेन पर उनके हमले का जवाब अपनी तरह से दे रहा है। आपको बता दें कि इस माह की शुरुआत में क्‍वाड की वर्चुअल बैठक हुई थी, जिसमें आस्‍ट्रलिया, जापान, अमेरिका के नेताओं ने यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की कड़ी आलोचना की थी। वहीं इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों पक्षों से बातचीत कर विवाद सुलझाने की अपील की थी। बता दें कि भारत अमेरिका के सहयोगी देशों में एकमात्र देश है जिसने अब तक रूस के मसले पर अमेरिका का पक्ष नहीं लिया है। इससे पहले रूस के खिलाफ सुरक्षा परिषद में हुई वोटिंग के दौरान भी भारत इससे खुद बाहर रहा  था।

भारत का तटस्‍थ रुख

क्‍वाड के अन्‍य सदस्‍य देशों ने भारत के इस रवैये को गलत बताया है और रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन करने और इसी तरह के कदम उठाने की अपील भी की है। वहीं भारत ने इस मुद्दे पर तटस्‍थ रहते हुए अपनी कूटनीतिक रणनीति को जारी रखा है। बता दें कि रूस ने 24 मार्च को यूक्रेन पर हमला किया था। इसके तीन दिन बाद ही रूस ने डोनस्‍तेक और लुहांस्‍के को आजाद राष्‍ट्र के तौर पर अपनी मान्‍यता दी थी। रूस यूक्रेन के खिलाफ छेड़े गए युद्ध को मिलिट्री आपरेशन बता रहा है। रूस का कहना है कि उसका मकसद केवल यूक्रेन को डिमिलिट्राइज्‍ड करना है।