केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क की लिस्ट में राज्य सरकार के शिक्षण संस्थान बुरी तरह फिसड्डी साबित हुए हैं। एकमात्र कुमाऊं यूनिवर्सिटी फार्मेसी श्रेणी के तहत इस लिस्ट में जगह बना पाई है। अलबत्ता उत्तराखंड में स्थित आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थानों ने जरूर लिस्ट में जगह बनाई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी नेशनल फ्रेमवर्क की ओवरऑल लिस्ट में आईआईटी रुड़की 71.48 स्कोर के साथ सातवें स्थान पर आया है। इसके बाद निजी यूनिवर्सिटी यूपीएसई को 97वां स्थान हासिल हुआ है। उत्तराखंड का शेष कोई भी संस्थान इस लिस्ट में जगह नहीं बना पाया है। यूनिवर्सिटी श्रेणी की लिस्ट में यूपीईएस 65 और ग्राफिक एरा को 74वीं रैंक मिली है।
इंजीनियरिंग कॉलेजों में दो निजी विवि ने बनाई जगह: खास बात यह है कि उत्तराखंड सरकार के तमाम दावों के बावजूद राज्य सरकार की कोई भी यूनिवर्सिटी इस लिस्ट में जगह नहीं बना पाई है। इंजीनियरिंग कॉलेज की लिस्ट में भी यूपीईएस 61, ग्राफिक एरा को 64, एनआईटी श्रीनगर को 131 और डीआईटी को 174वीं रैंक हासिल हुई है। मैनेजमेंट लिस्ट में आईआईटी रुड़की को 19, आईआईएम काशीपुर को 23 और यूपीईएस को 41वीं रैंक मिली है।
शीर्ष छह यूनिवर्सिटी
1. आईआईएससी, बेंगलुरु
2. जेएनयू, दिल्ली
3. जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
4. जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
5. अमृता विश्व विद्यापीठ, कोयंबटूर, तमिलनाडु
6. बीएचयू, वाराणसी
कुमाऊं विवि को फार्मेसी में 61वीं रैंक
इसी तरह फार्मेसी में कुमांऊ यूनिवर्सिटी को 61वीं रैंक मिली है। पिछली बार भी कुमांऊ यूनिवर्सिटी को ही इस लिस्ट में स्थान मिल पाया था। जबकि मेडिकल कालेजों में एम्स ऋषिकेश 50 संस्थानों के बीच 48वें स्थान पर रहा है।